तरक्की की दौड़ में विभिन्न चुनौतियां झेल रहा है युवा

तरक्की की दौड़ में विभिन्न चुनौतियां झेल रहा है युवा

ऋषिकेश-युवा शक्ति किसी भी देश और समाज की रीढ़ होती है। युवा ही देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। यह देखा जा सकता है कि हमारे राष्ट्र के लिए कई परिवर्तन, विकास, समृद्धि और सम्मान लाने में युवा सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं। इतना ही नहीं समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है।



 नगर उधोग व्यापार मंडल के अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ललित मोहन मिश्र के मुताबिक इतिहास गवाह है कि आज तक दुनिया में जितने भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं, चाहे वे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक रहे हों, उनके मुख्य आधार युवा ही रहे हैं।ऋषिकेश इंटरनेशनल स्कूल के सचिव कैप्टन सुमंत डंग का मानना है कि भारत में भी युवाओं का एक समृद्ध इतिहास है।अगर वर्तमान भारत की बात की जाए तो यह दुनिया का सबसे युवा देश है। जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक भारत में पच्चीस वर्ष तक की आयु वाले लोग कुल जनसंख्या के पचास फीसद के करीब हैं, वहीं पैंतीस वर्ष तक वाले कुल जनसंख्या के पैंसठ फीसद हैं। जनसंख्या का इतना बड़ा हिस्सा राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।पूर्व सभासद व राज्य आंदोलनकारी रवि जैन का कहना है कि युवा न केवल कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं, बल्कि आने वाले समय में सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक और जनसंख्या के विकास का संकेत भी देते हैं।लेकिन सवाल है कि वह कौन-सा युवा है जो देश बदलेगा? क्या वह जो रोजगार के लिए दर-दर भटक रहा है? या वह, जिसकी प्रतिभा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। या जिनके हाथों में डिग्रियां तो हैं, लेकिन विषय से संबंधित व्यावहारिक ज्ञान का सर्वथा अभाव है? वे साक्षर तो हैं शिक्षित नहीं। आज बहुत से ऐसे विकसित और विकासशील राष्ट्र हैं, जहां नौजवान ऊर्जा व्यर्थ हो रही है।दुभाग्यपूर्ण ये है कि भारत देश भी उन्ही में शामिल है। शहर के प्रतीष्ठित व्यवसायी हितेेन्द्र पंवार का मानना है कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी युवा कंधों पर ही है। परिवर्तन का दूसरा नाम युवा है और युवा शक्ति जिस ओर चलती है, जमाना समाज उसी ओर चल पड़ता है। कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।जी आई सी इंटरनेशनल के चैयरमैन डा गौरव गोयल के अनुसार बरसों से विकास के प्रयासों के बावजूद युवा शक्ति आज भी तरक्की की दौड़ में काफी चुनौतियां झेल रही है। फिर चाहे शिक्षा हो, रोजगार हो या स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां। इसलिए नया भारत निर्मित करते हुए हमें अब युवा पीढ़ी के सपनों को टूटते-बिखरते हुए नहीं रहने देना चाहिए।बल्कि देश निर्माण में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। 

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