अधूरी तैयारियों के चलते भोले भरोसे संचालित होगा कावंड मेला !

अधूरी तैयारियों के चलते भोले भरोसे संचालित होगा कावंड मेला !

ऋषिकेश-आधी अधूरी तैयारियों के साथ इस वर्ष शुरु होगी कांवड़ यात्रा।


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कांवड यात्रा धार्मिक दृष्टि से हिंदू धर्म में काफी अहम मानी जाती है। यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में कांवड़िए नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक करते हैं।वहीं, इस बार कांवड़ यात्रा आगामी 14 जुलाई से शुरू होने जा रही है। लेकिन कावड़ यात्रा को लेकर जितने भी कार्य होने हैं वे अभी तक अधूरे पड़े हैं,जिसको लेकर अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। कावड़ यात्रा हमेशा ही प्रशासन के लिए चुनौती बनी रहती है।कोरोनाकाल निपटने के बाद दो वर्ष से बंद पड़ी कांवड़ यात्रा में इस वर्ष चारधाम यात्रा की तरह ही श्रद्वालुओं का सैलाब उमड़ने की पूरी संभावना है।ऐसे में आधी अधूरी तैयारियां कांवड़ मेले के रंग में भंग डालती दिख रही हैं।कावड़ यात्रा शुरू होने में अब कम ही दिन बचे हुए हैं. मेला क्षेत्र में कावड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था पूरी तरह से सुचारू नहीं हो सकी है।इतना ही नहीं लाइटों और सड़कों को भी दुरुस्त करने का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।जरा सी बरसात में सड़कों पर पानी भर जाता है। साथ ही जिन मार्गो से कांवड़ियो को उनके गंतव्य की तरफ रवाना किया जाता है, वहां पर भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जो कांवड़ मेले में प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। गौरतलब यह भी है कि हर बार कांवड़ मेले के दौरान शिवभक्तों और प्रशासन के बीच इन्हीं व्यवस्थाओं को लेकर तीखी नोकझोंक होती रही है। दिलचस्प बात यह भी है कि मेले की तैयारियों की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के कंधों पर है वह खुद यात्रा की तैयारियों को लेकर संतुष्ट नही है।श्रावण मास की नीलकंठ महादेव मंदिर से जुड़ी यात्रा में सड़क, पेयजल और वन विभाग क्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं से नाखुश जिलाधिकारी पौड़ी द्वारा संबधित अधिकारियों को अति शीघ्र लंबित कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गये हैं।इसके बावजूद कई विभाग अभी तक उदासीन बने हुए हैं जिसे देख कहा जा सकता है.कि कांवड़ मेला भोले भरोसे ही इस वर्ष संचालित होगा।

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