आपातकाल की बरसी पर याद आये स्वर्गीय डॉ सुरेश चन्द्र शर्मा
आपातकाल की बरसी पर याद आये स्वर्गीय डॉ सुरेश चन्द्र शर्मा
ऋषिकेश- कांग्रेस शासन में लगे आपातकाल को भले ही 47 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन उसके जख्म आज भी हरे हैं।
इमरजेंसी के दौरान पुलिस की बर्बरता और तानाशाही को याद कर आज भी लोग सिहर जाते हैं। आज भी लोग आपातकाल को कांग्रेस शासन की तानाशाही और भारतीय इतिहास का काला पन्ना कहते हैं।तीर्थ नगरी ऋषिकेश की ही बात करें तो आपातकाल के दौरान पहले जनसंघ और फिर बाद में भाजपा को सींचने वाले ऋषिकेश निवासी स्वर्गीय डॉ सुरेश चन्द्र शर्मा ने भी तीन माह तक जेल में रहकर अनेकों यातनाएं सही।उन्हें डी आई आर के अंतगर्त जैल में निरूद्व रखा गया था।उनके नातिन अधिवक्ता अमित वत्स ने बताया कि इमरजेंसी में कांग्रेस सरकार के अत्याचार और आजादी के हनन को उनके परिवार ने करीब से देखा है। इमरजेंसी लागू होते ही पुलिस ने उन गैर कांग्रेसी नेताओं पर खुन्नस निकाली, जो संघर्षशील थे।इसमें उनके नाना स्वर्गीय डॉ सुरेश चन्द्र शर्मा सहित मेरे ताऊजी स्वर्गीय बृज भूषण शर्मा (रुड़की) को मीसा के अंतर्गत 19 माह तक जेल में यातनाएं सहनी पड़ी।बकौल अधिवक्ता अमित वत्स के मुताबिक उन्हें गर्व है कि वह एक ऐसे आंदोलनकारी परिवार का हिस्सा हैं जिन्होंने उस दौर में सरकार की दमनकारी नीतियों के विरोध में खुलकर संघर्ष किया।