कचरा मुक्त तीर्थ नगरी के लिए एकल उपयोग प्लास्टिक का बंद होना जरूरी

कचरा मुक्त तीर्थ नगरी के लिए एकल उपयोग प्लास्टिक
का बंद होना जरूरी

ऋषिकेश-तीर्थ नगरी को कचरा मुक्त करने के लिये संस्थागत तंत्र विकसित करने के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान प्रदान करना होगा।शहर के बुद्विजीवी वर्ग का मानना है कि जन सहयोग के बगैर कचरा मुक्त तीर्थ नगरी का सपना साकार होना बेहद मुश्किल है।

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जी आई सी इंटरनेशनल के निदेश डॉ गौरव गोयल के अनुसार कचरा मुक्त शहर के निर्माण के लिये हमें ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन करने के साथ ही एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा। भारत में समग्र स्वच्छता विकसित करने के लिये अपशिष्ट प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण कारक है और इसके लिये एक स्मार्ट फ्रेमवर्क यहाँ तैयार करना होगा तथा सभी को इसका पालन भी करना होगा। प्रतिष्ठित व्यवसायी हितेंद्र पंवार के अनुसारऋषिकेश को एक मॉडल के रूप में विकसित कर उनकी समग्र स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। प्लास्टिक का उपयोग करके फेंक दिया जाता है, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक या डिस्पोजेबल प्लास्टिक ऐसा प्लास्टिक है जिसे फेंकने या पुनर्नवीनीकरण से पहले केवल एक बार ही उपयोग किया जाता है।सबको संकल्प लेना चाहिए कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे।

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