सांध्य आरती पर मंडरा रहा है हादसे का खतरा!

सांध्य आरती पर मंडरा रहा है हादसे का खतरा!

हजारों श्रद्वालुओं से रोज लकदक हो रहा है गंगा तट

भीड़ को कंट्रोल करने के लिए प्रशासन के पास नहीं दिख रहा कोई प्लान

आरती के समापन पर भीड़ के सैलाब में हलकी सी चूक बन सकती है बड़ी दुघर्टना का सबब

ऋषिकेश-देेवभूमि ऋषिकेश में इस वर्ष श्रद्ववालुओं एवं पर्यटकों की रिकार्डतोड़ उमड़ती भीड़ से प्रशासनिक व्यवस्थाएं बोनी साबित हो रही हैं।भीड़ का दबाव शहर को ही जाम नही कर रहा बल्कि नगर की हद्वय स्थली त्रिवेणी घाट भी हर गुजरते दिन के साथ खतरे की जद मे आती जा रही है।



कारण है,सांध्य आरती के वक्त हजारों श्रद्वालुओं की रोज उमड़ती भीड़।पिछले एक पखवाड़े की बात करें तो गर्मी की तपिश बड़ते ही त्रिवेणी घाट पर होने वाली सांध्य आरती में सम्मलित होने वाले श्रद्वालुओं के ग्राफ में जबरदस्त उछाल आया है।आलम यह हो रहा है कि सांध्य आरती के वक्त तिल तक रखने की जगह नही दिखाई देती।आरती तक तो फिर भी जैसे तैसे व्यवस्थाएं भगवान भरोसे बन जाती हैं लेकिन आरती के सामापन पर घर पहुंचने की आपाधापी में त्रिवेणी घाट के मुख्य गेट से जिस प्रकार श्रद्वालुओं की भीड़ अपने गंतव्य के लिए निकलती है उससे लगातार हादसे की संभावनाएं जन्म लेने लगी हैं।हेरत की बात यह है कि इस भीड़ के सैलाब में वाहनों की कतारें भी शामिल होती हैं।ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता कि कभी आरती के प्रश्चात भगदड़ मची तो स्थिति कितनी भयावह हो जायेगी।ऐसा हुआ तो फिर इसका जिम्मेदार कौन होगा?उल्लेखनीय है कि बनारस की साध्य आरती की तर्ज पर ही पिछले कुछ वर्षों से त्रिवेणी घाट पर गंगा सभा द्वारा साध्य आरती करवाई जा रही है।संगीतमय आरती की देशभर में बड़ती ख्याति के बाद हरिद्वार की हरकी पौड़ी एवं परमार्थ निकेतन की आरती की तरह ही त्रिवेणी घाट पर श्रद्वालुओं की बेतहाशा भीड़ रोजाना उमड़ती हैं।ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि प्रशासन त्रिवेणी घाट पर साध्य आरती के वक्त भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कोई प्लान क्यूं नही तैयार कर रहा और यदि प्रशासन के पास कोई प्लान है तो फिर वो इंपलीमेंट कब होगा ।इन सबके बीच कह सकते हैं कि हर वर्ष यहां से कांवड़ मेला तो भोले भरोसे सम्पन होता ही है अब गंगा आरती भी मां गंगा के भरोसे पर ही संचालित होने लगी है।

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