यूकॉस्ट द्वारा प्रायोजित हैंड्स ऑन कार्यशाला में न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग पर हुआ मंथन

यूकॉस्ट द्वारा प्रायोजित हैंड्स ऑन कार्यशाला में न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग पर हुआ मंथन

ऋषिकेश- पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग व बायोकेमिस्ट्री विभाग एम्स ऋषिकेश के संयुक्त तत्वावधान में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) द्वारा प्रायोजित हैंड्स ऑन ट्रेनिंग (न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग) विषय पर आयोजन किया गया ।


मंगलवार को आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर एमएस पंवार, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर एन.पी. माहेश्वरी, पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक उत्तराखंड शासन, डॉ अनीशा आतिफ मिर्जा विभाग अध्यक्ष बायोकेमिस्ट्री व मुख्य वक्ता डॉ मनीषा नैथानी ने सहभागिता की।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन के साथ सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया।कार्यक्रम के संयोजक व मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी के समन्वयक ऑफिसर गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी अतिथियों का स्वागत पुष्प देकर किया।
डॉ ढींगरा ने कहा कि हमारे लिए आज गौरव का विषय हैं, एम्स के विशेषज्ञों द्वारा हमारे छात्रों को इस प्रकार की नवीनतम तकनीकी से रूबरू कराया जा रहा है व इस महत्वपूर्ण विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश की डॉ अनीशा आतिफ मिर्जा ने कहा कि आजकल के दौर में नवजात शिशु में अनेकों अनुवांशिक बीमारियां व परिवर्तन आ जाते हैं जिसके लिए यह परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है ।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉक्टर एनपी महेश्वरी ने कहा कि इस प्रकार की तकनीकी से नवजात शिशुओं के डायग्नोसिस बहुत महत्वपूर्ण है ताकि इससे जन्मजात बीमारी को रोकने में प्रयास किए जा सकते हैं। मुख्य वक्ता डॉ मनीषा नैथानी एडिशनल प्रोफेसर बायोकेमिस्ट्री विभाग, ने अपने व्याख्यान में कहा कि न्यू बॉर्न स्क्रीनिंग उसका इतिहास तथा इस तकनीक के द्वारा शिशुओं में अनुवांशिक बीमारी/ जन्मजात बीमारी जैसे हाइपोथाइरॉएडिज्म गैलेक्टोमियां, अलकपटोन्यूरिया आदि का इलाज संभव है। इसके साथ ही इंबोर्न एरर्स आफ मेटाबॉलिज्म जैसे जटिलताओं को दूर किया जा सकता है। इस नवीनतम तकनीकी को राष्ट्रीय हेल्थ प्रोग्रामों में जोड़ने हेतु जोर दिया और कहा कि यदि यह रूटीन में आ जाए तो बच्चों में अनेकों जन्मजात बीमारियों से बचा जा सकता है ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ एमएस पंवार समय से न पहुंचने के कारण दूरभाष के माध्यम से संदेश दिया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत ने कहा कि इस प्रकार की ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा छात्रों को नई प्रयोगात्मक निदान को सीखने का मौका मिलता है।कार्यक्रम में विभाग के प्रवक्ता अर्जुन पालिवाल ने एमएलटी विभाग की अब तक की उपलब्धियों को चल चित्र के माध्यम से दिखाया। कला संकाय के संकायाध्यक्ष डॉक्टर डीसी गोस्वामी ने सभी गणमान्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम का संचालन एमएलटी विभाग की सफिया हसन ने किया।इस मौके पर भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वाय के शर्मा, गणित विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनीता तोमर, वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर वी डी पांडे, डॉक्टर एनके शर्मा, डॉ एसके कुड़ियाल, एमएलटी विभाग की शालिनी कोठियाल, देवेंद्र भट्ट, पवन कुमार, श्रवण कुमार, चंद्रशेखर राजभर आयुष कुमार आदि उपस्थित थे।

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