मंहगी सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट

मंहगी सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट
सौ रूपये में भी नही मिल पा रही दो दिन की सब्जी
टमाटर हुआ लाल,आलू निकाल रहा दम
ऋषिकेश-तीर्थ नगरी में मौसमी सब्जियों के दामों में उछाल से उपभोक्ता हैरान हैं। वैसे दीपावली के बाद सब्जियों के दामों में कमी आने लगती थी लेकिन इस का काफी बढ़े हुए हैं। ऐसे में निम्न-मध्यम वर्ग के परिवारों में रसोई का बजट बिगड़ गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि सौ रुपये में इतनी सब्जी भी नहीं मिल पाती है कि दो दिन काम चल सके।
रसोई गैस से लेकर खाद्य तेल, विभिन्न तरह की दालें और चीनी पर महंगाई की मार से उपभोक्ता पहले ही परेशान हैं। अब सब्जियां भी आम जनमानस की थाली से दूर जाने लगी हैं। पिछले साल दीपावली के बाद आलू बीस रुपये का सवा किग्रा मिलने लगा था। गोभी भी 20 से 25 रुपये में मिल जाती थी लेकिन इस बार आलू अभी तक 25 से 30 रुपये प्रति किग्रा के भाव बिक रहा है। गोभी50से 60 रुपये प्रति किग्रा से नीचे आने को तैयार नहीं है। टमाटर भी 50 रुपये प्रति किग्रा के भाव बिक रहा है। सब्जियों में प्याज के भाव जरूर कुछ कम हुए लेकिन क्वालिटी खराब मिल रही है। कुछ दिन पहले प्याज के फुटकर दाम पचास रुपये प्रति किग्रा तक पहुंच गए थे लेकिन अब 30-40 रुपये में मिल रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी लोगों को आलू के भाव में उछाल से हो रही है। क्योंकि विभिन्न प्रकार की सब्जियों के साथ पकाने के काम आता है। सब्जी मंडियों में पहुंचने वाले लोग कई बार तो टमाटर और गोभी जैसी सब्जियों के भाव पूछकर ही आगे बढ़ जाते हैं। खरीदने की हिम्मत नहीं पड़ती है।हरिद्वार रोड़ स्थित नगर निगम के बाहर सब्जी खरीदने पहुंची ममता बिष्ट ने बताया सौ रुपये की सब्जी दो दिन भी नहीं चलती। लोगों की आमदनी सीमित है। खानपान की सभी चीजों लगातार महंगी होती जाने से घरेलू बजट बिगड़ गया है। सब्जी खरीद रही ज्योत्सना थपलियाल के अनुसार आमदनी का बड़ा हिस्सा रसोई पर खर्च होने लगा है। गैस के दाम हर महीने बढ़ जाते हैं। सरसों तेल खरीदना मुश्किल हो रहा है। रही सही कसर सब्जियों की महंगाई ने पूरी कर दी है।