कलाकारों को प्रोत्साहित करने के साथ उनकी रचनात्मकता का संरक्षण जरूरी- स्वामी चिदानन्द

कलाकारों को प्रोत्साहित करने के साथ उनकी रचनात्मकता का संरक्षण जरूरी- स्वामी चिदानन्द

ऋषिकेश- अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस सभी प्रकार की कलाओं का एक उत्सव है। आज का दिन कलाकारों को एक मंच प्रदान करता हैं, जहां उनकी कला को एक पहचान मिल सके तथा जनसमुदाय के बीच कलाकारों की विश्वसनीयता और कला को बढ़ाया जा सके।



अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि कलाकर अपने अन्दर की भावनाओं से बेजान चीजों में भी जान डाल देते हैं। अपनी कलाओं, कार्यों और भावनाओं से ये जनमानस पर एक विशिष्ट छाप छोड़ते हैं और एक क्रांति लाते हैं। कलाकार अपनी कलात्मक बहुमुखी प्रतिभा द्वारा उपयोगी सामग्री, पैटर्न और डिज़ाइन बनाकर जनसामान्य का जीवन सरल बनाते हैं इसलिये उनकी रचनात्मकता का संरक्षण किया जाना चाहिये। हमें कलाकारों की कला की विशेषता, विशिष्टता और विलक्षण पर ध्यान देकर उन्हें प्रोत्साहन और पहचान देना होगा। स्वामी चिदानन्द ने कहा कि युवा पीढ़ी और बच्चों को चित्र उकेरने या पेंटिंग बनाने के लिये प्रेरित करना होगा ताकि उन्हें अपनी प्रतिभा विकसित करने का अवसर प्राप्त हो। आजकल के बच्चे मोबाइल फोन में व्यस्त रहते हैं जिससे वे प्राचीन संस्कृति को भूलते चले जा रहे हैं। हमारी संस्कृति जीवंत रहें यही हम सबका उद्देश्य होना चाहिये।

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