व्यवसायिक पाठ्यक्रम निर्माण एवं क्रियान्वयन विषयक पर आयोजित हुई कार्यशाला

व्यवसायिक पाठ्यक्रम निर्माण एवं क्रियान्वयन विषयक पर आयोजित हुई कार्यशाला
ऋषिकेश-श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला नई शिक्षा नीति एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम निर्माण एवं क्रियान्वयन विषय पर साईं इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में आयोजित हुई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफ़ेसर मोहन सिंह पंवार ने कहा कि व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के निर्माण एवं क्रियान्वयन हेतु निजी संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण है।प्रोफेसर पंवार ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु 70% पाठ्यक्रम का कलेवर यूजीसी के अनुरूप एवं 30% पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय स्तर की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार किया जाना है, जिसमें गांव को गोद लिया जाना भी एक प्राथमिकता है।
श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में रोजगारपरक पाठ्यक्रम स्थानीय व राज्य के बेरोजगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएंगे साथ ही कुलसचिव प्रोफेसर मोहन सिंह पंवार ने कहा की सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में स्थानीय युवाओं की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा देने की बात कही। कार्यशाला के मुख्य अतिथि हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर जे.पी. पचौरी ने कहा कि शिक्षक को हमेशा सीखते रहना चाहिए क्योंकि कोई भी हर कार्य में निपुण नहीं होता।नई शिक्षा नीति में तीन बातें महत्वपूर्ण है, सार्वभौमिकता, व्यवसायिकता व पेशेवर नजरिया ।
उन्होंने कहा कि मौलिक विचारों का सृजन अध्ययन से ही संभव है । श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के कला संकाय के संकायध्यक्ष प्रो.डी.सी. गोस्वामी ने अपने व्याख्यान में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि नई शिक्षा नीति का कौशल विकास एवं अधिगम पर केंद्रित होना चाहिए।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश की भौतिक विज्ञान की प्रोफेसर डॉ सुमिता श्रीवास्तव ने अपने सम्बोधन में कहा कि पाठ्यक्रम में चयन आधारित क्रेडिट प्रणाली छात्र आधारित है, जहां शिक्षण में छात्र छात्राओं हेतु व्यापकता है, जिससे अपनी इच्छा के आधार पर पाठ्यक्रम का चयन होगा ।श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के वाणिज्य संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो राजमणि पटेल ने कार्यशाला में क्रेडिट प्रणाली के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि वाणिज्य का पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार कर दिया गया है।राजकीय महाविद्यालय बड़कोट के प्राचार्य प्रो. ए. के. तिवारी ने स्नातकों हेतु नई शिक्षा नीति के अनुरूप रोजगार सृजन कैसे किया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की ।प्रो० गुलाटी, प्रो० उपाध्याय ने कार्यशाला में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रमों की रूपरेखा और इनके महत्व का पर प्रश्नकाल के दौरान चर्चा की ।प्रो० जुयाल ने पाठ्यक्रमों की मार्केट वैल्यू और रोजगार क्षमताओं पर विस्तार से चर्चा की । कार्यशाला में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्षप्रो गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा कुलसचिव प्रो मोहन सिंह पंवार का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। कार्यशाला का संचालन सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमंत बिष्ट ने किया। इस अवसर पर उप कुलसचिव डॉ खेमराज भट्ट, सहायक कुलसचिव देवेंद्र सिंह रावत व विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे।