बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्री-प्राइमरी क्लास बेहद जरूरी -वैभव सकलानी

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्री-प्राइमरी क्लास बेहद जरूरी -वैभव सकलानी
ऋषिकेश-100 करोड़ कोरोना डोज वैक्सीनेशन कंपलीट होने के बाद देश वैश्विक महामारी की चुनौतियों पर जीत दर्ज कराने की और कदम बड़ा चुका है।लेकिन इसके बावजूद अभी भी शिक्षण व्यवस्था पटरी पर नही आ पायी हुए।खासतौर पर प्राइमरी शिक्षा पर कोरोना ने गंभीर चोट पहुंंचाई है। संक्रमण के दौर में प्री-प्राइमरी एजुकेशन का मोह पैरेंट्स के बीच लगातार कम होता जा रहा है।इन दिनों पैरेंस्ट अपने बच्चों का एडमिशन सीधे क्लास 1 में करा रहे हैं।लेकिन ऐसा करना बिल्कुल सही नहीं है क्योंकि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए प्री एजुकेशन भी काफी जरूरी है।कोरोना संक्रमण महामारी के दौर में अब भी शैक्षणिक व्यवस्था पेरेंट्स की राय के अनुसार चल रही है।कुछ प्राइमरी स्कूल स्कूल बंद हैं और ऑनलाइन कक्षाएं चालू हैं। ऐसे में इन दिनों एक ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि पैरेंट्स अपने बच्चों का एडमिशन प्री-पाइमरी में न कराकर सीधे क्लास 1में करा रहे हैं। दरअसल स्कूलों में चल रही ऑनलाइन क्लासेस की वजह से कुछ पैरेंट्स प्री-प्राइमरी कक्षाओं को पूरी तरह से छोड़ रहे हैं और बच्चों को सीधे कक्षा 1 में दाखिला दे रहे हैं।कई माता-पिता को लगता है कि वे कुछ पैसे बचा सकते हैं लेकिन ये पूरी तरह गलत धारणा है क्योंकि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्री-प्राइमरी क्लास भी उनके लिए बेहद जरूरी हैं।
पॉली किड्स पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर वैभव सकलानी के मुताबिक पैरेंट्स को इस बात का एहसास नहीं है कि बचपन की शिक्षा में जीरो ईयर जैसी कोई चीज नहीं होती है क्योंकि ब्रेन का 95% विकास पहले पांच वर्षों में होता है और ये वर्ष भाषा, सामाजिक-भावनात्मक विकास और संज्ञानात्मक पोषण के माध्यम से मस्तिष्क की उत्तेजना के लिए महत्वपूर्ण है। कोरोना संक्रमण के चलते 2020 प्रीस्कूलों के लिए काफी खराब वर्ष रहा था, वहीं 2021 में केवल मामूली सुधार हुआ है।अब भी कई माता-पिता अपने बच्चों की प्री स्कूल एजुकेशन को इतना तवज्जो नहीं दे रहे हैैंं और वे प्री स्कूल में बच्चों का एडमिशन कराने को फालतू का खर्च माान रहे हैं।उन्होंने बताया कि पैरेंट्स इस बात को समझे कि बच्चों के लिए प्री-प्राइमरी एजुकेशन भी बेहद महत्वपूर्ण हैं।एकदम नन्ही सी उम्र में उन पर बड़ी क्लास की पढाई का बोझ डाल देना कतई सही नहीं है।