रावण रूपी समस्याओं से मुक्ति मिले तो मने दशहरा!

रावण रूपी समस्याओं से मुक्ति मिले तो मने दशहरा!

ऋषिके-शुक्रवार को पुतले दहन के साथ अधर्म के प्रतीक रावण का तो अंत हो जाएगा।तीर्थ नगरी ऋषिकेश में कोरोना गाईडलाईन को देखते हुए इस वर्ष भी रावण और उनके कुनबे को गंगा में प्रवाह किया जायेगा। लेकिन तीर्थ नगरी में समस्याओं के रूप में मौजूद रावण का अंत कब होगा कोई नही जानता।



इस गंभीर विषय पर नगर उधोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्रा का कहना है कि भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या है जिससे देवभूमि भी अछूती नही रही है।राशन कार्ड हो या फिर आधारकार्ड हर जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है। अब तो जायज काम के लिए भी पैसा देना पड़ता है। सही मायनों में तो दशानन का अंत तभी होगा जब भ्रष्टाचार का जड़ से सफाया हो।प्रदेश उधोग व्यापार मंडल की ऋषिकेश शाखा के महामंत्री हर्षित गुप्ता का मानना है जाम की समस्या से रोज लोग जूझते हैं।शहर की यातायात व्यवस्था किसी रावण से कम नहीं है। रावण रूपी जाम की समस्या से निजात मिलना जरूरी है।प्रोपर्टी डेवलपर एण्ड बिल्डर्स ऐसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गर्ग का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में चिकित्सा सेवा वर्षों से बेहाल हो रखी है।एम्स में सिर्फ गंभीर रोगियों का ही उपचार होता है।सरकारी अस्पताल मे संसाधनों एवं चिकित्सकों की कमी मरीजों को बेहाल किए हुए है। वह कहते हैं कि यह समस्या रावण से कम नहीं है। इससे निजात मिले तो रावण का खात्मा हो।

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