दुनिया की खूबसूरती के लिए लिंग आधारित भेदभाव का त्याग जरूरी-स्वामी चिदानन्द

दुनिया की खूबसूरती के लिए लिंग आधारित भेदभाव का त्याग जरूरी-स्वामी चिदानन्द
ऋषिकेश- अन्तर्राष्ट्रीय बेटी दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मेडस्केपइंडिया द्वारा आयोजित ‘सेव द गर्ल चाइल्ड एडं वुमन एम्पावरमेंट कैम्पेनिंग’’ ऑनलाइन वेबनॉर के माध्यम से दिये संदेश में कहा कि अगर हमारी मानसिकता से लिंग भेदभाव समाप्त हो जायेगा तो ये दुनिया और खूबसूरत होगी।
राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी की उपस्थिति में सम्पन्न हुए वेबिनार मेंं परमार्थ अध्यक्ष ने कहा कि बेटा हो या बेटी दोनों की प्रत्येक कोशिकाओं में समान चेतना और संवेदनायें होती है इसलिये दर्द और पीड़ा का अनुभव भी दोनों को होता है।इस सोच के साथ अपने बच्चों की परवरिश करें तो समाज में लिंग समानता बनी रहेगी। जिनके पास संतान के रूप में बेटे हैं वे माता-पिता अपने बेटों को लड़कियों का सम्मान करना सिखायें, लिंग आधारित समानता का व्यवहार करना सिखायें तथा लिंग आधारित भेदभाव से ऊपर उठकर स्वच्छ मानसिकता से बच्चों का पालन-पोषण करें तो इस दुनिया का स्वरूप और भी बेहतर होगा। बेटियों को दुनिया में लाने, जीवन देने, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण के साथ उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिये हम सभी को अपनी सोच बदलना होगा।