अधपकी फसल काटने को मजबूर खदरी के किसान

अधपकी फसल काटने को मजबूर खदरी के किसान
ऋषिकेश-श्यामपुर न्याय पंचायत के सोलह ग्राम सभाओं में अपनी उपजाऊ भूमि के लिए मशहूर ग्राम सभा खदरी खड़क माफ के खादर क्षेत्र के किसान अपनी अधपकी धान की फसल काटने को मजबूर हो रहे हैं।गौरतलब है कि इस बार मानसून काल देर तक रहने और अत्यधिक वर्षा के कारण धान की फसल अपेक्षा से अधिक बड़ी होकर गिर गयी थी।साथ ही जो धान की फसल अभी खड़ी है वह खेत में अत्यधिक नमी के कारण पूरी तरह पकी नहीं है।लेकिन पाँच माह तक इधर उधर छिपे रहने के बाद एकदन्त गजराज की आमद से ग्रामीण फसल को लेकर खौफ जदा हैं।परिणाम स्वरूप किसान अधपकी फसल काटने को मजबूर हो रहे हैं।
वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश एम एस रावत का कहना है कि बीते बुधवार की रात को कृषक रमेश रानाकोटी द्वारा खदरी में जंगली हाथी के आमद की सूचना पर तत्काल वन सुरक्षा कर्मियों को भेजकर हाथी को जंगल में वापस खदेड़ा गया था लेकिन गंगा नदी में जल स्तर कम होने के कारण राजा जी नेशनल पार्क से हाथी के आमद की सूचना पर वन कर्मियों का एक गश्तदल नियमित रूप से खदरी में लगाया जा रहा रहा है।जब तक किसानों की उपज खेत से समेटी नहीं जाती है तब तक रात्रि गश्त लगातार जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरी ओर जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य समाजसेवी विनोद जुगलान ने बताया कि राज्य स्थापना के 21 वर्षो बाद खदरी श्यामपुर में सरकारी धान खरीद केंद्र न होने के कारण सहारनपुर से धान खरीद के लिए आरहे बिचौलिए धान में नमी की बात कहकर औंधे-पौंधे दाम पर भोलेभाले किसानों को लूट रहे हैं।धान खरीद केन्द्र दूर होने के कारण किसान अपनी उपज खेतों में ही बेचने को मजबूर हैं।इस ओर स्थानीय प्रशासन सहित किसान सहकारी समितियों को ध्यान देना चाहिए।