नदियांं धरती की जलवाहिकायें – स्वामी चिदानन्द

नदियांं धरती की जलवाहिकायें – स्वामी चिदानन्द

ऋषिकेश- परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती विदेश यात्रा से आज आश्रम पधारे। परमार्थ गुरूकुल के आचार्यो; ऋषिकुमारों और परिवार के सदस्यों ने शंख ध्वनि और वेद मंत्रों से उनका अभिनन्दन कर आशीर्वाद लिया।



स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज का दिन विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के साथ अन्य महत्वपूर्ण विषयों के प्रति जनसमुदाय को जाग्रत करने के लिये समर्पित है। हमें अपने पर्यावरण को स्वस्थ्य रखने के लिये जीवनदायिनी नदियों को जीवंत बनाये रखना होगा और इस हेतु पूरे विश्व से परमाणु हथियारों का निश्चित रूप से उन्मूलन करना आवश्यक है। लगातार बढ़ रहे जनसंख्या दबाव को कम करने के लिये जन्म नियंत्रण संसाधनों के प्रति विशेषकर युवाओं को जागरूक करना भी नितांत आवश्यक है तथा आज का दिन बेटियों के लिये समर्पित है। लिंगानुपात के अंतर को कम करने और नारी शक्ति का सम्मान और गरिमा को बनाये रखने के लिये हम सभी को आगे आना होगा।उन्होंने विश्व नदी दिवस के अवसर पर मांं गंगा के पावन तट से आह्वान किया कि नदियांं धरती की जलवाहिकायें हैं। जिस प्रकार मानव शरीर रूधिर वाहिकाओं के बिना जिन्दा नहीं रह सकता उसी प्रकार जल वाहिकाओं के बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।

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