तीर्थ नगरी में भूगोल का शिक्षक बना हिंदी का ध्वजवाहक!

तीर्थ नगरी में भूगोल का शिक्षक बना हिंदी का ध्वजवाहक!

ऋषिकेश- देश भर में आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है।महज एक दिन हिंदी दिवस मनाकर क्या देश की आत्मा माने जाने वाली मातृभाषा हिंदी को बचाया जा सकेगा यह यक्ष प्रश्न अभी भी बना हुआ है। तीर्थ नगरी की ही बात करे तो यहां भी हिंदी उपेक्षित है ।इन सबके बीच दिलचस्प बात यह है कि शहर में हिंदी के उत्थान के लिए एक भूगोल शिक्षक पिछले कुछ वर्षों से ध्वजवाहक के रूप में उभर कर सामने आया है।उनकी वाणी में सरस्वती का वास है।मातृभाषा में उनकी अद्भुत पकड़ किसी को भी उनका मुरीद बना सकती है।



जी हां हम बात कर रहे हैं नगर के गौरवशाली श्री भरत मंदिर इंटर कालेज के शिक्षक डॉ सुनील दत्त थपलियाल की जोकि हैं तो भूगोल के शिक्षक लेकिन उनकी पहचान शहर में सर्वश्रेष्ठ मंच संचालक के तौर पर की जाती है।हेरत की बात तो यह है कि धाराप्रवाह हिंदी बोलने की वजह से अधिकांश शहरवासी उन्हें हिंदी का ही शिक्षक समझते हैं।हिंदी दिवस के अवसर पर डा थपलियाल ने बताया कि यह उनके लिए सोभाग्य की बात है कि उन्हें उस गौरवशाली विधालय में शिक्षक बनने का अवसर मिला जिस विधालय में स्वर्गीय मंसा राम शर्मा जी जैसे हिंदी के अद्भुत शिक्षक ने शिक्षा की अलख जलाई।उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में हिन्दी भाषा को लेकर कुछ तथा कथित बुद्धिजीवियों द्वारा भम्र की स्थिति उत्पन्न की जा रही है। सच तो यह है कि हिन्दी भारत की आत्मा, श्रद्धा, आस्था, निष्ठा, संस्कृति और सभ्यता से जुड़ी हुई है।

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