श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के दूसरे दिन संगीतमयी कथा का श्रवण कर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्वालु

श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के दूसरे दिन संगीतमयी कथा का श्रवण कर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्वालु
ऋषिकेश- श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को कथा व्यास भरत किशोर महाराज ने बताया कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मन के विकार दूर हो जाते हैं। समर्पण भाव से ही प्रभु मिलते हैं। भागवत कथा समस्त वेद वेदांगों का सार है। यह वेद रूपी कल्पवृक्ष पके हुए फल के फल के समान है। सभी वेद वेदांग, उपनिषद, पुराण, धर्म शास्त्रों का निचोड़ सार इसी में निहित है। भागवत कथा के मर्म को समझने के बाद कुछ भी समझना शेष नहीं रह जाता है।
आर्दश ग्राम स्थित पंवार परिवार की और से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन अपनी संगीतमयी कथा प्रवचनों से उन्होंने श्रद्वालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का प्रादुर्भाव चतुश्लोकी भागवत के रूप में भगवान श्रीमननारायण से हुआ। यह ज्ञान नारायण से ब्रह्मा को प्राप्त हुआ। ब्रह्मा द्वारा नारद को, और उनसे व्यास जी को प्राप्त हुआ है। व्यास ने 18 हजार श्लोकों में व्याख्या करके इस दिव्य ज्ञान को सुकदेव को प्रदान किया। कथा व्यास ने सुखदेव का जन्म, कौरव पांडवों के बीच युद्ध की तैयारी, व्यास नारद संवाद, कपिलदेव मुनि संवाद, भीष्म स्तुति, कुंती स्तुति सहित अन्य प्रसंग पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। कथा के समापन पर आयोजक परिवार के भरत सिंह पवार: संजय पवार,अजय पवार,सुशील पवार,तेज सिंह पंवार, भागेंद्र सिंह पवार,मुकेश पंवार,हितेंद्र पंवार, यशपाल पंवार द्वारा श्रद्वालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।