पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं आज भी उपेक्षित -रीना नारायण

पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं आज भी उपेक्षित -रीना नारायण

ऋषिकेश- पिछले दो दशक में महिलाओं का उत्पीड़न रोकने और उन्हें उनके हक दिलाने के बारे में बड़ी संख्या में कानून पारित हुए हैं। अगर इतने कानूनों का सचमुच पालन होता तो भारत में महिलाओं के साथ भेदभाव और अत्याचार अब तक खत्म हो जाना था।



यह कहना है महिला उत्थान के लिए कार्य कर रही समाजसेविका श्रीमति रीना नारायण का ।उन्होंने बताया कि पुरुषप्रधान मानसिकता के चलते महिलाएं आज भी उपेक्षित और शोषित हैं।जबकि भारत में महिलाओं की रक्षा हेतु कानूनों की कमी नहीं है। भारतीय संविधान के कई प्रावधान विशेषकर महिलाओं के लिए बनाए गए हैं।उन्होंने बताया समाज में महिलाएं शिक्षित होने के बावजूद भी अपने कानूनी अधिकारों से अनभिज्ञ हैं, सभी शिक्षित या अशिक्षित महिलाएं नहीं पर हाँ भारतीय समाज का एक बड़ा वर्ग आज भी अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है।महिलाएं| हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं| इन सबके बावजूद उन पर होने वाले अन्याय, बलात्कार, प्रताड़ना, शोषण आदि में कोई कमी नहीं आई है और कई बार तो उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानकारी तक नहीं होती। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में महिलाओंं को उनके अधिकारों की जानकारी देना भी जो बेहद जरूरी है जिसमें समाज सेवी संस्थाएं महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

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