मानवता की सेवा के लिए इतिहास के स्वर्णिम अध्याय में सदैव अंकित रहेगा मदर टेरेसा का नाम -डॉ नेगी

मानवता की सेवा के लिए इतिहास के स्वर्णिम अध्याय में सदैव अंकित रहेगा मदर टेरेसा का नाम -डॉ नेगी

ऋषिकेश-मानवता के लिए सच्ची मिसाल बनीं भारत रत्न और नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा की जयंती पर अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा के अध्यक्ष विभिन्न संगठनों से जुड़े समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी ने उनका भावपूर्ण स्मरण किया।



हर गरीब व असहाय के दुख को अपना दुख समझने वाली मदर टेरेसा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए डॉ नेगी ने कहा कि भारत रत्न मदर टेरेसा समाज को नई दिशा देने वाली और गरीबों, अनाथों, असहायों के दुख-दर्द के लिए जीने वाली प्रेम, दया, करुणा की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने बचपन से ही गरीबी का दौर देखा। शिक्षा प्राप्त करते हुए 12 वर्ष की आयु में उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाएंगी और 18 वर्ष की आयु में सिस्ट ऑफ लोरेटो में शामिल हुईं। एक बार वह भारत घूमने आईं और उनके मन में भारत के गरीबों को देखकर सेवा का भाव उभरा। इसके बाद वह कोलकाता में आ गईं और दूसरों की सेवा करते हुए 1948 में भारत की नागरिकता ले ली। 1950 में उन्होंने कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। 1962 में भारत ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया और 1979 में मानव कल्याण कार्य हेतु उन्हें अंतरराष्ट्रीय नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।डा नेगी ने कहा कि कहा कि मानवता की सेवा के लिए इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों मदर टेरेसा का नाम सदैव अंकित रहेगा।

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