अभिमानी का होता है विनाश-वैष्णवाचार्य शिव स्वरूप नौटियाल

अभिमानी का होता है विनाश-वैष्णवाचार्य शिव स्वरूप नौटियाल

ऋषिकेश-श्याम पुर खदरी में आयोजित शिव महापुराण के 11 दिवसीय कथा आयोजन में तीसरे दिवस की कथा को विस्तार देते हुए कथा व्यास वैष्णवाचार्य शिव स्वरूप नौटियाल ने दक्ष प्रजापति के घर में आयोजित यज्ञ और माता सती की कथा सुनाई।



कथा का रसपान कराते हुए उन्होंने कहा कि राजा दक्ष प्रजापति को अभिमान हो गया था उन्होंने माता सती जो उनकी पुत्री थी और भोलेनाथ को यज्ञ में आमन्त्रित नहीं किया बल्कि माता सती के यज्ञ में आने पर उनके पति भोलेनाथ को भी अपशब्द कहे।माता सती ने व्यथित होकर आत्मदाह कर लिया।भोलेनाथ को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने वीरभद्र को अपनी जटा से उत्पन्न किया।जिन्होंने राजा दक्ष के यज्ञ को विध्वंस किया।इस तरह राजा दक्ष प्रजापति का अभिमान चूर होगया।कथा श्रवण में प्रभु दयाल कोठियाल,भगवान सिंह कीर्तिवाल, सरदार सिंह रावत,राम लाल मैठाणी, सुदर्शन कंडवाल, बीना रावत,कुसुम जोशी,नेहा भट्ट,डुग्गा देवी,ज्योति भट्ट,कुसुम भट्ट आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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