श्रावण मास की हरिनाम कथा सर्वाधिक फलदायी पंडित शिव स्वरूप नौटियाल

श्रावण मास की हरिनाम कथा सर्वाधिक फलदायी पंडित शिव स्वरूप नौटियाल

ऋषिकेश-श्यामपुर खदरी के चोपड़ा फार्म में जन कल्याणार्थ एवं वैश्विक महामारी के खात्मे को लेकर आयोजित सामूहिक महा शिव पुराण के प्रथम दिवस की कथा में कथा व्यास वैष्णवाचार्य पंडित शिव स्वरूप नौटियाल ने रुद्राक्ष की उत्पत्ति और महिमा सुनाते हुए बताया कि एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक के रुद्राक्ष किस प्रकार धारण किये जाते हैं।



उन्होंने कहा कि रुद्राक्ष धारण करने वाला यदि अपने खानपान को संयमित कर तामसिक मांस मदिरा का सेवन न करें और सात्विक आहार ग्रहण करें तो रुद्राक्ष सर्व पाप नाशक होता है।और इसे हर जीवित प्राणी महिला पुरुष ॐ नमः शिवायः बीजमंत्र का जाप करते हुए धारण कर सकता है।भगवान भोलेनाथ हमारे कार्यों को देखते रहते हैं।श्रावण मास की हरिनाम कथा सर्वोत्तम मानी जाती है।इसका महत्व और भी सर्वाधिक होता है।यह तुरन्त फलदाई होती है।रुद्राक्ष धारण करने वालों को तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।कथा संचालन कर रहे शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत पर्यावरण प्रमुख पर्यावरणविद विनोद जुगलान ने कहा कि हम भौतिकतावादी होकर अपनी सनातन संस्कृति को भूलते जा रहे हैं और युवा पीढ़ी धार्मिक और आध्यात्मिकता से दूर होती जा रही है।कथा श्रवण में समाजसेवी शान्ति प्रसाद थपलियाल,विकास थपलियाल, आचार्य गीता राम चमोली,प्रताप सिंह नेगी,सूरत सिंह रमोला,जय सिंह चौहान,प्रभु दयाल कोठियाल,रवि कोठियाल शास्त्री,प्रेम लाल कुलियाल,मीना कुलियाल,गुड्डी धौंडीयाल,मंजू नेगी,नेहा भट्ट,संतोषी सिलस्वाल,चम्पा देवी रावत,बिस्सी देवी, शशि भट्ट, आशा भट्ट,गुलाबी देवी,सरिता देवी,विमला देवी, आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: