भ्रष्टाचार के दानव को खत्म करने के लिए सरकार उठाए कड़े कदम!

भ्रष्टाचार के दानव को खत्म करने के लिए सरकार उठाए कड़े कदम!

ऋषिकेश-देश में बड़ते भ्रष्टाचार के दानव से हर कोई परेशान है।सरकारी महकमें में तो बिना सुविधा शुल्क दिए फाईलें भी नही सरकती।इस मामले में तीर्थ नगरी ऋषिकेश भी कोई अपवाद नही है।शहर का शायद ही कोई दफ्तर बचा हो जहां भ्रष्टाचार की दीमक ने व्यवस्थाओं को खोखला ना किया हो। शहर के युवाओं की माने तो सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का रोग बढ़ता ही जा रहा है। हमारे जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं बचा, जहां भ्रष्टाचार के असुर ने अपने पंजे न गड़ाए हों।


विभिन्न क्लब एवं संगठनों के माध्यम से जनहित से जुड़े मुद्दों के साथ समाजसेवा में सक्रियता के साथ कार्य करने वाले धीरज मखीजा व ललित जिंदल का कहना है कि देश नैतिक मूल्यों और आदर्शों का कब्रिस्तान बन गया है। देश की सबसे छोटी इकाई पंचायत से लेकर शीर्ष स्तर के कार्यालयों और क्लर्क से लेकर बड़े अफसर तक, बिना घूस के आज सरकारी फाइल आगे ही नहीं सरकती। सरकार को भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए मजबूत कारगर कदम उठाए जाने की जरूरत है। जीआईसी इंटरनेशनल के चेयरमैन गौरव गोयल की मांनें तो ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के ताजा सर्वे के मुताबिक भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों की सूची में भारत की स्थिति हर गुजरते वर्ष के साथ चिंतनीय रूप से ऊपर की और बढ रही है।केंद्र व राज्य सरकार को सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए कोई कारगर कदम उठाने की सख्त जरूरत है। श्रीवास्तव ग्रुप के चैयरमैन निशांत मलिक का कहना है कि भ्रष्टाचार की दीमकें हमारी सारी व्यवस्था को खोखला कर रही हैं। कभी सोने की चिड़िया कहा जाने वाला भारत आज भ्रष्टाचार के कीचड़ में धंस चुका है। हमारे नैतिक मूल्य और आदर्श सब स्वाहा हो चुके हैं। बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार आचरण दोष का ही परिणाम है जिस पर नकेल कसने की नितांत आवश्यकता है।

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