मरीज की जीवन रक्षा के लिए चिकित्सकों के साथ नर्सिंग ऑफिसर्स की दक्षता जरुरी -प्रो रविकांत

मरीज की जीवन रक्षा के लिए चिकित्सकों के साथ नर्सिंग ऑफिसर्स की दक्षता जरुरी -प्रो रविकांत

ऋषिकेश-अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (ए टी एल एस) एवं एडवांस ट्रॉमा केयर फॉर नर्सेस (ए टी सी एन) ट्रेनिग वर्कशॉप में प्रतिभागियों को आपात स्थिति में जरुरी उपचार व सावधानियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।


इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि एटीएलएस व एटीसीएन विषयों में हर चिकित्सक व नर्सिंग ऑफिसर्स की दक्षता जरुरी है। जिससे आपात स्थिति में मरीज की जीवन रक्षा की जा सके। एम्स निदेशक ने सभी चिकित्सकों से ध्यानपूर्वक प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने और इन प्रशिक्षण कार्यशालाओं में शिरकत कर दक्षता हासिल करने के लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा इससे हम दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को कम कर सकते हैं। कार्यशाला के दूसरे दिन एम्स, रायबरेली के डॉ. हर्षित अग्रवाल ने जले हुए मरीजों के उपचार विषय पर व्याख्यान दिया, साथ ही प्रतिभागियों को मरीज को घटनास्थल से अस्पताल के लिए सुरक्षित रेफरल प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।एम्स ऋषिकेश के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ. जितेंद्र चतुर्वेदी ने दुर्घटना में सिर पर लगने वाली चोटों में प्राथमिक उपचार के तरीके बताए, साथ ही रीढ़ की हड्डी से संबंधित चोटों के बारे में बताया।एम्स ऋषिकेश की स्त्री रोग विभाग की डॉक्टर लतिका चावला ने प्रतिभागी चिकित्सकों व नर्सिंग ऑफिसरों को गर्भवती महिलाओं को लगने वाली चोटों एवं इससे जच्चा- बच्चा को सुरक्षित रखने की जानकारी दी। इस अवसर पर ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, कोर्स डायरेक्टर डा. मधुर उनियाल, कोर्स इंचार्ज एवं ट्रॉमा सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अजय कुमार, डा. नीरज कुमार, डा. दिवाकर गोयल, नर्सिंग फैकल्टी महेश, नर्सिंग ऑफिसर चंदू, जोमन, अरुण आदि मौजूद थे।

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