ऋषिकेश वासियों ने जीत ली कोरोना से जंग!

ऋषिकेश वासियों ने जीत ली कोरोना से जंग!

ऋषिकेश- वैश्विक महामारी को लेकर लोग लापरवाह नजर आने लगे हैं।आलम यह है कि अधिकांश लोगों ने मास्क इस प्रकार उतार फेंके हैं जैसे कोरोना की जंग उन्होंने जीत ली हो।कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया। ऐसे में दो माह पहले लोग घर से बाहर निकलने से पहले एक नहीं बल्कि दो मास्क लगा रहे थे। कोई भी चीज छूने के बाद हाथों को सैनिटाइज कर रहे थे। मगर, अब तीर्थ नगरी ऋषिकेश में लोग पूरी तरह लापरवाह हो गए हैं। दो तो छोड़िए अब लोग एक भी मास्क नहीं लगा रहे हैं। लापरवाही का आलम इससे समझ सकते हैं कि बाजार में मास्क और सैनिटाइजर की डिमांड आधी घट गई है।


पिछले साल जब कोरोना आया तो मास्क और सैनटाइजेशन को ही कोरोना से बचाव का तरीका माना गया। पहली लहर में लोगों ने मास्क और सैनिटाइजेशन के दम पर जंग भी जीती। मगर, दूसरी लहर के आने तक लोग लापरवाह हो गए थे। ऐसे में दूसरी लहर में कोरोना वायरस ने लोगों को अपनी चपेट में लिया। संक्रमण फैलने पर लोगों ने बचाव काे डबल मास्क पहने। बार-बार हाथों को सैनिटाइज किया। यही कारण था कि अप्रेल और मई में मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री 10 गुना तक बढ़ गई थी। एन-95 और सर्जिकल मास्क की बाजार में कमी हो गई थी। मगर, अब हालात फिर से पहले जैसे हो गए हैं। बाजारों में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। इसका असर सैनिटाइजर और मास्क की खपत पर भी दिख रहा है। जुलाई आते आते मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री आधी से कम हो गई है।

बरतनी होगी सावधानी-डॉ हरिओम प्रसाद

कोरोना की शुरुआत में लोग दिन में बार-बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करते थे। कोई भी चीज छूने के बाद सैनिटाइजर लगाते थे। हर जगह गेट पर सैनिटाइजर रखा मिलता था। मगर, धीरे-धीरे समय गुजरने के साथ लोग थोड़े से बेफ्रिक हो गए हैं। अब बार-बार हाथ सैनिटाइज नहीं हो रहा है। न ही घरों में बार-बार साबुन से हाथ धो रहे हैं। आई एम ए के अध्यक्ष डॉ हरिओम प्रसाद का कहना है कि लोगों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। मास्क जरुर पहनने।अगर सैनिटाइजर नहीं है तो घर में थोड़ी देर बाद साबुन से हाथ जरूर धोते रहना चाहिए। साबुन से हाथ धोने से कोई नुकसान भी नहीं है।

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