फादर्स डे स्पेशल -पिता के आर्शीवाद ने बदली तकदीर!

फादर्स डे स्पेशल -पिता के आर्शीवाद ने बदली तकदीर!
ऋषिकेश- किसी भी व्यक्ति के लिए मां-पिता की अहमियत जीवन में सबसे बढ़कर होती है। माता-पिता हमारे जन्म का आधार होते हैं लिहाजा कोई भी संतान पूरी जिंदगी उनकी ऋणी रहती है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि माता-पिता के ऋण को चुका पाना संभव नहीं है।फादर्स डे पर आज जिक्र उन दो शख्सियतों का जो भले ही जीवन की अपनी पारी खेलकर आज हमारे बीच नही हैं लेकिन समाज को दिए अपने अमुल्य योगदान ने उनकी यादों को जीवित बनाया हुआ है।उनके घरों के चिराग भी अपने दिवंगत पिता के आर्शीवाद से सफलता की राह पर अग्रसर हैं।
हम बात कर रहें है स्व दिनेश चन्द गोयल की जिनका शुमार देश में आइसक्रीम मैन के तौर पर किया जाता है।दिल्ली से शुरू हुई उनके संघर्षों की दांस्ता लम्बी जरूर है पर हौसला जगाने वाली उम्मीदों को समेटे हुए है।छोटी से आइसक्रीम की ठेली से गोपाल्स 56 तक का सुनहरा सफर तय करने वाले आइसक्रीम मैन की विरासत को उनके घर के चिराग गौरव गोयल ने ना सिर्फ आगे बड़ाया है बल्कि और चार चांद लगाने का काम किया है।जी आई सी इंटरनेशनल के चेयरमैन गोरव गोयल ने बताया आज उन्होंने जो भी सफलता हासिल की है उसमें उनके पिता के दिए संस्कार और आर्शीवाद का हाथ है। उधर ऋषिकेश में नगर उधोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के चुनाव में महामंत्री पद पर शानदार जीत दर्ज कर युवा व्यापारी नेता के तौर पर तेजी के साथ उभर कर सामने आये प्रतीक कालिया की सफलता में भी उनके दिवंगत पिता स्व जयदत्त शर्मा के नाम की भूमिका किसी से छिपी नही है।शहर की व्यापारिक राजनीति में व्यापार मंडल के अध्यक्ष के तौर पर अपना खास मुकाम रखने वाले स्व जयदत्त शर्मा के व्यापारिक हितों के लिए किए गये उनके संघर्षों को आज भी याद किया जाता है।प्रतीक की माने तो पिता को ईश्वर का रूप कहा गया है, क्योंकि अपने बच्चे के लिए तमाम कठिनाइयों के बाद भी पिता के चेहरे पर कभी शिकन नहीं आती। एक पिता हमें जीवन जीने की कला सिखाने के साथ अपना संपूर्ण जीवन हमारे सुख के लिए न्यौछावर कर देता है। पिता वह वटवृक्ष है जिसकी छाया में पूरा परिवार पुष्पित और पल्लवित होता हैं।आज भले ही उसके पिता इस दुनिया में नही है लेकिन उनका आर्शीवाद सदैव उनकेे साथ है।