दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ….मगर कैसे?

दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ….मगर कैसे?
ऋषिकेश- दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ भजन गाकर दो वक्त की रोटी खा लेने वाले आम आदमी को महंगाई के अपने सबसे बुरे दौर में अब थाली में दाल भी नसीब नहीं हो पा रही है।कारण है,आटे में उछाल के अधिकांश दालों में हुई जबरदस्त मूल्यवृद्धि।कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप भले ही कुछ कम हो गया हो लेकिन मंहगाई अपने चरम पर बनी हुई है।सब्जियों के दाम में उछाल से लोगों की जेब पहले ही हल्की हो गई थी। अब दालों की बढ़ती कीमत ने लोगों को बेहाल कर दिया है। इससे पहले आटा पहले ही मंहगा हो चला था।कोरोना काल में बढ़ती महंगाई ने आम नागरिकों की कमर तोड़ दी है। किचन का बजट बेकाबू हो गया है। बजट को नियंत्रित करने के लिए महिलाएं सब्जियों और दाल के विकल्प भी तलाश रही हैं।


व्यापार सभा के महामंत्री पदम शर्मा ने बताया कि दिल्ली थोक मंडी में लगातार दालों में तेजी बनी हुई है।इसका असर दालों की कीमतों पर पड़ रहा है।उन्होंने जानकारी दी कि कोरोनाकाल के शुरुआती दौर में हुए लॉकडाउन के बाद से ही दाल की कीमतों में धीरे-धीरे उछाल आता जा रहा है,इसकी शुरुआत चना दाल से हुई थी इसके बाद अरहर दाल के थोक में भी तेजी आनी शुरू हो गई और धीरे धीरे लगभग सभी दालों में तेजी आ गई।हालांकि के वह दाल की कीमतों में बढ़ोत्तरी को कम उत्पादन की भी बड़ी वजह मानते हैं। इन सबके बीच पकड़ से दूर होती जा रही दालों की मूल्मवृद्वि को लेकर आम आदमी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है।

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