रियल एस्टेट कारोबारियों की भी बाजार पर पर टिकी हैं ‘निगाहें’

रियल एस्टेट कारोबारियों की भी बाजार पर पर टिकी हैं ‘निगाहें’
ऋषिकेश-कोरोना संक्रमण की फर्स्ट वेव के बाद दूसरी लहर ने रियल इस्टेट को बड़ा झटका दिया है। इससे कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है। ऐसे में रियल एस्टेट कारोबार के जो भी प्रोजेक्ट चल रहे थे, उसमें से अधिकतर अधर में लटक गए हैं। मार्केट में सन्नाटा होने के कारण रियल एस्टेट कारोबार में भी अनिश्चितता की स्थिती बनी हुई है।हांलाकि पूरी तरह से बाजार खुलने के बाद कारोबारियों को उम्मीद है कि स्थितियां तेजी से बदलेंगी और कारोबार फिर एक बार पटरी पर आ जायेगा।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में रियल एस्टेट कारोबार में अपनी एक खास पहचान बनाने वाले एम जे प्रोपटीज के डायरेक्टर मानव जौहर की मानें तो कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने रियल एस्टेट कारोबार पर बड़ा इफेक्ट डाला है। क्योंकि कोरोना की पहली लहर के बाद लोगों में अपना आशियाना खरीदने की काफी चाहत दिखी। लोगों का इस तरफ खूब ध्यान भी गया। लोगों ने रियल एस्टेट में निवेश भी किया लेकिन जब से कोरोना की दूसरी लहर आई है तब से पूरा कारोबार फिर से बंद हो गया है। जो काम चल रहा था वह भी अब दो माह से बंद है। अब कारोबार को रनिंग में लाने के लिए अधूरे प्रोजेक्ट पूरा कराने में कम से कम दो माह तो लग ही जाएंगे।उत्तराखंड में रियल इस्टेट के नामचीन कारोबारी श्रीवास ग्रुप के चेयरमैन निशांत मलिक का कहना है कि सरकार भले ही रियल एस्टेट कारोबारियों को छूट न दे लेकिन कस्टमर्स को ही छूट मिल जाए तो रियल स्टेट में बूम आ सकता है। इसके लिए सरकार चाहे तो पहली बार मकान लेने वाले कस्टमर्स को स्टांप में छूट दे या फिर हाउसिंग लोन में ब्याज दर कम करे। जिससे लोग अपना मकान खरीदने के लिए आगे आएंगे। हालांकि इस कोरोना काल में हर किसी को अपने मकान की जरूरत महसूस जरूर हुई है। सरकार को रियल एस्टेट कारोबारियों को भी अब कुछ राहत देनी चाहिए। ताकि रियल स्टेट कारोबार भी उबर सके।