वटवृक्ष की पूजा कर सुहागिनों ने मांगा अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद

वटवृक्ष की पूजा कर सुहागिनों ने मांगा अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद

ऋषिकेश-गुरुवार को सुहागिनों ने पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष की पूजा की। सुहागिनों ने वृक्ष में रक्षा सूत्र बांध आशीर्वाद मांगा। पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया सावित्री-सत्यवान की कथा स्कंद पुराण में आती है।



पति को दीर्घायु की कामना के लिए वट वृक्ष की पूजा की जाती है। इसे वट-सावित्री व्रत भी का जाता है। कहते हैं, सावित्री के तेज के भय से कोई भी राजकुमार उनसे विवाह करने को राजी नहीं था। इसलिए पिता ने उन्हें स्वयं वर चुनने की छूट दे दी। सावित्री ने सत्यवान को चुना जो था तो राजकुमार लेकिन पड़ोस के एक राजा ने उनके अंधे माता-पिता का राज हड़प लिया था। इस कारण सत्यवान मां पिता को लेकर वनवासी हो गए थे।कथा के अनुसार, सत्यवान अल्पायु था और इस बात की मुनादी महर्षि नारद ने सावित्री को कर दी थी। लेकिन पति के रुप में सत्यवान को वरन कर चुकी सावित्री ने दूसरे वर चुनने से इन्कार कर दिया।

वटवृक्ष के नीचे ही यमराज ने सत्यवान के प्राण लेने आ गए। सावित्री पति की मौत के बाद यमराज के पीछे चल दी। सावित्री की पति भक्ति से प्रसन्न यमराज ने वरदान मांगने को कहा। सावित्री ने तीन वरदान मांगा जिसमें सबसे पहला था कि मैं सत्यवान के सौ पुत्रों की मां बनूं। यह वरदान देने के बाद यमराज सत्यवान को प्राण दान देने को विवश हो गए। सावित्री ने सास ससुर के आँखों की रोशनी एवं राजपाट ही वापस मांग ली।पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि वट वृक्ष के नीचे ही सत्यवान जीवित हुए थे तब से वट पूजा का चलन हो गया।वट-सावित्री व्रत को लेकर सुहागिनों ने वृहस्पतिवार को सुबह स्नान-पूजा करने के बाद दिन भर उपवास रखा। दिन भर महिलाएं पति के दीर्घायु के लिए वट सावित्री व्रत से संबंधित कहानियां सुनती रहीं।

प्रकृति का वरदान है वट वृक्ष-विनोद जुगलान

पर्यावरणविद् विनोद जुगलान वट वृक्ष को प्रकृति का वरदान मानते हैं। इस कारण भी इसकी पूजा का विज्ञानी महत्व है।उन्होंने बताया बरगद विशाल होता है। यह सैकड़ों साल तक जीवित रहता है। यही विज्ञानी कारण है कि सुहागिनें वट की पूजा कर अपने पति की उम्र वट वृक्ष की पाने का आशीर्वाद मांगती है। बरगद का एक पेड़ फैल कर बड़े भू-भाग में पसर सकता है। यह अपने आप में एक जंगल का निर्माण कर सकता है। साथ ही हजारों पशु-पक्षियों को आश्रय एवं भोजन प्रदान कर सकता है। बारिश करवाने एवं पृथ्वी की गर्मी कम करने की क्षमता इस पेड़ में है। पर्यावरणविद जुगलान ने कहा कि बरगद कभी समाप्त ना होने वाला पेड़ है। क्योंकि यह अपनी शाखाओं को विस्तार देने के लिए नए स्तम्भ जड़ का निर्माण करता है। इस पेड़ पर पशु पक्षी आवास बनाना पसंद करते हैं। कहा, हर किसी को बरगद लगाना चाहिए। यह पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए बहुत उपयोगी है।

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