वेबिनार में विशेषज्ञों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

वेबिनार में विशेषज्ञों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

ऋषिकेश- उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, देहरादून (यूकॉस्ट) द्वारा प्रायोजित वेबिनार का पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ऋषिकेश (श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर) के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग व स्पेक्स संस्था, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।



वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप शिरकत करते हुए भूवैज्ञानिक एवं पर्यावरणविद प्रो अरूण दीप अहलूवालिया ने महत्वपूर्ण जानकारियां दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ आयोजन सचिव प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता व प्रतिभागियों के स्वागत से किया। प्रो ढींगरा ने कहा कि आज हमारे बीच में एक विख्यात पर्यावरणविद प्रो अरूण दीप अहलूवालिया उपस्थित हुए हैं जो कि पंजाब यूनिवर्सिटी, चंड़ीगढ़ के भूगर्भ विज्ञान के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हैं व वर्तमान में अंतर-क्षेत्रीय राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘कार्बन पृथक्करण राष्ट्रीय कार्यक्रम’ समिति के सलाहकार सदस्य हैं । महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत ने सभी उपस्थिति का स्वागत किया करते हुए कहा कि प्रोफेसर आहलूवालिया को छात्र जीवन से वह जानते है। कॉलेज के दिनों में उनके द्वारा नैनीताल में दिए गए एक लेक्चर से लह बेहद प्रभावित रहे हैं।वेबिनार में श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पी पी ध्यानी द्वारा दिये गए वीडियो संदेश को दिखाया गया जिसमें उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति सभी को कुछ ना कुछ गतिविधियां करनी चाहिए ।सभी को अपने जीवन में हर साल एक पौधा लगाना चाहिए, तभी हम प्रकृति का उधार चुका पाएंगे । यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल ने प्रोफेसर अरुणदीप आहलूवालिया का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे प्रसिद्ध पर्यावरणविद को सुनना अपने आप में एक पर्यावरण संरक्षण गतिविधि है। स्पेक्स संस्था के सचिव डॉ बृज मोहन शर्मा द्वारा स्वर्गीय शिव कुमार बटालवी द्वारा रचित एक गीत का विमोचन किया गया जिसमें शीर्षक का नाम रूह था और इसमें श्रीमती मोना बाली ने अपनी आवाज दी है। मुख्य वक्ता प्रोफेसर अरुणदीप वालिया ने अपने उद्वबोधन मेेंं संसार की उत्त्पत्ति एवं संरचना एवं प्रकृति निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताया ।कहा कि, हिमालय की ठंडक ने हमे सूर्य की गर्मी से राहत दी जो कि अब मानव द्वारा दोहन कर समाप्त हो रही हैं, यदि ऐसा चलता रहा तो एक दिन हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा। उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से पूरे विश्व के इकोसिस्टम्स का भर्मण करवाया जो कि प्रतिभागियों के लिए बहुत रुचिकर था।
यूकॉस्ट के जॉइन्ट डायरेक्टर डॉ डी पी उनियाल ने इस व्याख्यान की प्रशंसा की व प्रो एन पी माहेश्वरी ने अपने उद्बोधन में सभी प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रेरित किया।कार्यक्रम के समापन पर स्पेक्स संस्था के सचिव डॉ बृज मोहन शर्मा ने प्रो अहलूवालिया का धन्यवाद ज्ञापित किया ।इस मौके पर विभिन्न प्रान्तों से 255 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

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