कोरोना का शिकार हुई दिवंगत आत्माओं की आत्मशांति के लिए आयोजित हुआ यज्ञ

कोरोना का शिकार हुई दिवंगत आत्माओं की आत्मशांति के लिए आयोजित हुआ यज्ञ
ऋषिकेश- कोरोना महामारी का शिकार हुई दिंवगत आत्माओं की आत्मशांति के लिए वैदिक फाउंडेशन के हिमालय योगालय आश्रम में आज यज्ञ का आयोजन किया गया।
मंगलवार को आयोजित यज्ञ में कोरोना काल के दौरान गोलोक को गमन करने वाले ज्ञात अज्ञात लोगों की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना करते हुए देश में कोरोना महामारी को जड़मूल नष्ट करने के लिए विशेष आहूतियां दी गई। आश्रम के परम पूजनीय संत शंकर तीर्थ जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित हुए यज्ञ की जानकारी देते हुए पंडित रवि शास्त्री ने बताया कि वैदिक यज्ञ आर्य समाज की नहीं बल्कि आदिकाल से चली आ रही परंपरा है। ऋषि मुनियों ने यज्ञ को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कर्म बताया है। कारण यह कि यज्ञ की अग्नि से निकलने वाला सुगंधयुक्त धुंआ वातावरण में फैलने वाले विषाणुओं को नष्ट करता है।
शास्त्री ने कहा कि महामारी और आपदा के इस काल में हर घर में यदि प्रतिदिन यज्ञ किया जाये तो कोरोना वायरस को समाप्त करने में यह बेहद लाभदायक सिद्ध् होगा। उन्होंने कहा कि हमें न केवल स्वयं यज्ञ कर परमपिता परमात्मा का आभार प्रकट करना चाहिए बल्कि अपनी भावी पीढि़यों को भी प्रतिदिन यज्ञ करने की प्रेरणा देते हुए सत्कर्म का भागी बनने का अवसर देना चाहिए। इस दौरान स्वतंत्रा चैतन्य गौरी ,चैतन्य पवित्रता ,चैतन्य ऊमाया, चैतली चैतन्य ,आरती चैतन्य ,शंकरी चैतन्य साधक आदि मोजूद रहे।