सिंगिंग के फलक पर चमकने को तैयार सिया राजपाल

सिंगिंग के फलक पर चमकने को तैयार सिया राजपाल
ऋषिकेश- तीर्थ नगरी की बेटियां आज हर क्षेत्र में सफलता की गाथाएं लिख रही हैं।इसी कढी में शहर की उभरती हुई गायिका सिया राजपाल का नाम भी शुमार हो गया है।उनके ग्रुप सॉन्ग को इन दिनों यू ट्यब चैनल पर श्रोताओं द्वारा बेहद सराहा जा रहा है। दिलचस्प बात यह कि उत्तराखंड की बेटी सिया ने बंग्ला भाषा में इस गीत को अपने साथियों सहित अपनी सुरमई आवाज से सजाया है। उसके पिता सुनील कुमार राजपाल टीएचडीसी में फार्मेसिस्ट के पद पर हैं।
सिया ने बताया कि बचपन से ही उसका शौक सिंगिंग की और था।धीरे धीरे कब यह शौक जुनून बन गया उसे खुद ही पता नही चला।पिछले दस वर्षों से अपने गायन शैली को बेहतर से बेहतरीन बनाने के लिए रोजाना घंटों तक रियाज करने वाली सिया के अनुसार वह वर्तमान में मिरांडा हाऊस दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रही है।लेकिन इसके बावजूद उसका एक मात्र लक्ष्य गायिका के तौर पर अपनी एक खास पहचान बनाने का है।जिसके लिए वह कोई कोरकसर नही छोड़ना चाहती।सूरों की साक्षात देवी लता मंगेशकर को अपना आर्दश मानने वाली सिया की मानें तो उनके मधुर तरानों को सुन सुनकर ही उन्हें सिंगर बनने की प्रेरणा मिली थी।उन्होंने बताया कि उनका यू ट्यूब गीत विश्व विख्यात कवि व भारतीय साहित्यकार के नोबल पुरस्कार से सम्मानित रविन्द्र नाथ टेगोर को ट्रिब्यूट किया गया है जिसमें उनके कालेज के म्यूजिक सोसायटी के साथियों ने भी आवाज दी है।