आढत बाजार पर पाबंदियां न हटी तो पहाड़ में गहरायेगा खाद्यान्न संकट!

आढत बाजार पर पाबंदियां न हटी तो पहाड़ में गहरायेगा खाद्यान्न संकट!
ऋषिकेश- कोरोना पार्ट 2 के कहर से देशवासी बुरी तरह जूझ रहे हैं। देश मेें मचे त्राहिमाम के बीच आम आदमी के साथ मध्यम वर्गीय लोगों का जहां बुरा हाल हो रखा है,वहीं व्यापारी वर्ग अपने व्यापार को उजड़ने से बचाने की जद्दोजहद मे लगा हुआ है।हालांकि सबसे बड़ी चुनौती उसके लिए जिंदगी बचाने की भी है।इन सबके बीच तीर्थ नगरी के आढत बाजार की सबसे प्रमुख व्यापारिक संस्था व्यापार सभा ने कोविड कर्फ्यू के दौरान शासन द्वारा जारी की जा रही गाइडलाइन में आढत बाजार पर की जा रही सख्त पाबंदियों को हटाए जाने की मांग की है। व्यापार सभा के पद्दाधिकारियों के मुताबिक शासनादेश में खाधान्न एवं राशन को लेकर स्पष्ट उल्लेख न होने की वजह से भी आढत व्यापारियों को असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
गढ़वाल के मुख्य द्वार ऋषिकेश के व्यापार सभा के अध्यक्ष मनोज कालड़ा व महामंत्री पदम शर्मा का कहना है कि यदि शासन द्वारा आढत बाजार को सप्ताह मेेंं पांच दिन खोलने की अनुमति न दी गई तो उत्तराखंड के तमाम पहाड़ी क्षेत्रों में खाधान्न का संकट उत्पन्न हो जायेगा। उन्होंने बताया कि विश्व प्रसिद्ध चार धाम सहित तमाम पहाड़ी अंचलों पर खाधान्न की आपूर्ति ऋषिकेश बाजार पर पूरी तरह से निर्भर है।कोविड कफ्र्यू के चलते शहर के तमाम 58 आढतियों की दुकानों एवं गोदामों में ताले लटके हुए है।इससे पहाड़ों पर दाल,चावल,घी,तेल,नमक सहित तमाम खाधान्नों की आपूर्ति ठप्प हो रखी है । उन्होंने कहा कि सरकार को खाधान्न को आवश्यक सेवाओं के दायरे में लाकर आढत व्यापारियों के लिए समय निर्धारित कर सप्ताह में पांच दिन उन्हें व्यापार करने की अनुमति देने की जरूरत है। यदि आढत बाजार पर पाबंदियां जारी रही तो उत्तराखंड के तमाम पहाड़ी क्षेत्रों में खाद्यान्न का संकट उत्पन्न होना तय है।