गारमेंट्स व्यवसायी बोले मेरा दर्द न जाने कोई!

गारमेंट्स व्यवसायी बोले मेरा दर्द न जाने कोई!

ऋषिकेश-कोविड 19 की दूसरी लहर ने कपड़ा व्यवसायियों की कमर तोड़ कर रख दी है। देश के विभिन्न राज्यों के साथ उत्तराखंड में सरकार द्वारा लगातार बड़ाए जा रहे कोविड कफ्र्यू के बीच शहर के तमाम बड़े बड़े शोरूम और छोटी-बड़ी सभी दुकानों में करीब एक पखवाड़े से ताले लटके हुए हैं।



कोरोना संकट ने जहां सभी व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों के काम धंधे चौपट कर दिए हैं। वहीं, शहर की मार्केट में सबसे ज्यादा मार रेडीमेड गारमेंट पर पड़ी है। शादियों का सीजन कोरोना की भेंट पहले ही चड़ चुका है।ऐसे में में यदि देशभर में अगले कुछ दिनों में हालात सुधरे भी तो व्यापार को पटरी पर लाने में लंबा वक्त लगना तय है। नगर के प्रमुख कपड़ा व्यापारी केवल किशन लांबा ने बताया कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए प्रदेश में लगातार कोविड कफ्र्यू लागू किया गया है। आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी व्यावसायिक
गतिविधियां पूरी तरह से ठप्प हैं। कोविड-19 के चलते व्यापारियों की हालत हर गुजरते दिन के साथ बदतर होती जा रही है ।यदि हालात जल्द न सुधरे तो और मुश्किलें बड़नी तय हैं। नवाब साहब एवं फैशन प्वाइंट गारमेंट्स शॉप के संचालक हर्षित गुप्ता ने कहा कि पिछले एक वर्ष से कोरोना के चलते बाजार में उथल पुथल रही है।होली पर्व के बाद कोराना की दूसरी लहर ने बाजार को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है।हालत यह है कि बंद दुकानों में दुकानों के किराए, बिजली के बिल एवं कर्मचारियों का वेतन कैसे दिया जायेगा इसकी चिंता सताने लगी है।

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