कामगार की बदोलत ही ओधोगिक ढांचों को मिलता है संबल!

कामगार की बदोलत ही ओधोगिक ढांचों को मिलता है संबल!
ऋषिकेश- विश्व मजदूर दिवस पर जीआईसी इंटरनेशनल के चेयरमैन गौरव गोयल ने कहा कि देश के निर्माण में मजदूरों का भी अहम योगदान है। किसी भी उद्योग को सफल बनाने के लिए उसके मालिक का होना तो अहम है ही मजदूरों के अस्तित्व को भी नहीं नकारा जा सकता है क्योंकि कामगार ही किसी भी औद्योगिक ढांचे के लिए संबल की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध यूँ तो हम सब लड़ रहे हैं लेकिन गरीब मजदूरों की व्यथा सबको विचलित कर देती है।कोरोना की दूसरी खतरनाक हो चली लहर से सभी देशवासी जूझ रहे हैं। मजदूरों की भी कोरोना से लड़ाई जारी है। काम नहीं मिल रहा, बच्चे भूख से बिलबिला रहे होंगे और उन्हें एक दिलासा दिया जा रहा होगा सुनहरी भोर का।लेकिन वह भोर कब आयेगी कोई नही जानता।
श्रीवास ग्रुप के डायरेक्टर निशांत मलिक के अनुसार महामारी के चपेट में आकर आज वैसे तो देश का हर कुनबा परेशान है लेकिन यदि किसी की रोजी-रोटी पर बनी है तो वह हैं ‘मजदूर समुदाय’। पिछले साल लॉकडाउन के बाद इन्हीं मजदूरों की तस्वीर दुनिया भर में वायरल हुई थी और ये सुर्खियों में छाए रहे। कोरोना संक्रमण का प्रसार एक ओर जहां सरकार की पेशानी पर बल डाल रहा है वहीं राहत की बात बस इतनी सी है मजदूरों ने भी इस बार और ज्यादा जज्बे के साथ कोरोना की चुनौतियों से निपटने का साहस दिखाया है।
उल्लेखनीय है कि मेहनतकश मजदूरों को समर्पित 1 मई की तारीख मजदूर दिवस के रुप में पूरी दुनिया में मनाई जाती है। इस मौके का मुख्य मकसद दुनिया भर के श्रमिकों व मजदूरों के अहम और उल्लेखनीय योगदान को याद करना है।