लॉकडाउन के खतरे को लेकर सहमा हुआ है व्यापारी!

लॉकडाउन के खतरे को लेकर सहमा हुआ है व्यापारी!

ऋषिकेश-तीर्थ नगरी में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।शहर में कोरोना के बढ़ते मामलों से व्यापारी वर्ग सबसे ज्यादा परेशान है। उन्हें इस बात की चिंता है कि उत्तराखंड में भी लॉकडाउन न लग जाए और सब कुछ बंद न हो जाए। अगर ऐसा हुआ तो व्यापार का ट्रैक पर आना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

देशभर में कोरोना के केसों में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले वर्ष की तरह फिर से माहौल बनता जा रहा है। भले ही इसका कारण लोगों की लापरवाही हो या प्रशासन की उदासीनता लेकिन शहर का व्यापारी वर्ग सबसे ज्यादा परेशान है। उन्हें इस बात की चिंता है कि दिल्ली के बाद अब कही उत्तराखंड में लाकडाउन न लग जाए और सब कुछ बंद न हो जाए। अगर ऐसा हुआ तो व्यापार का ट्रैक पर आना मुश्किल आ जाएगा। यही कारण है व्यापारी लोगों से लापरवाही छोड़ने की अपील कर रहे हैं।


शहर के सर्राफा व्यापारी जितेंद्र पवार के अनुसार सरकारी निर्देशों की कड़ाई से पालन की जरूरत है। वास्तव में यह निर्देश लोगों की भलाई के लिए ही दिए गए हैं। उसका पालन करते हुए अपनी व समाज की रक्षा की जा सकती है।कोरोना महामारी के चलते पहले से कारोबार मंदी के दौर से गुजर रहा है। लोग समय रहते नहीं संभले तो फिर से हालत गंभीर होंगे। असर कारोबार पर पड़ना तय है। हरिद्वार रोड पर कार ऐसेसीरीज की दुकान चलाने वाले अमनदीप सिंह का कहना है कि जिस रफ्तार के साथ कोरोना पाजिटिव केस बढ़ रहे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।कोरोना महामारी के चलते पिछले साल ढाई माह तक दुकानें बंद रखी थी। खर्च, कर्ज व्यापारियों ने खुद की जेब से किए थे। दोबारा से वैसे ही हालात ना बन जाए इसके लिए एहतियात की जरूरत है। उनका कहना है कि इस बार यदि लाकडाउन लगा तो व्यापारी तबाह हो जाएंगे। सावन टार्यस प्रतिष्ठान के संचालक अंकुर टक्कर के अनुसार पिछले बार के लॉकडाउन से ही अभी तक व्यापारी वर्ग उभर नही पाए हैं, ऐसे में यदि दोबारा लॉकडाउन लगता है तो वो इस बार बर्बाद हो जाएंगे।उनका कहना है कि कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय लॉकडाउन नहीं है।उनका सवाल है कि क्या हम एक साल में भी इस बीमारी के प्रति जागरूक नहीं हो पाए।उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए देश में वैक्सीनेशन को और बढ़ाया जाए। श्रीवास ग्रुप के डायरेक्टर निशांत मलिक का कहना है कि
पिछले साल लगे लॉकडाउन ने लोगों को आर्थिक रूप से हिलाकर रख दिया था।ऐसे में अगर एक बार फिर लॉकडाउन लगता है तो आम आदमी और माध्यमवर्गी परिवार की स्थिति खराब हो जाएगी।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यात्रियों पर लगी पाबंदियों के कारण राज्य का व्यापारी वैसे ही अपने व्यापार को लेकर चिंतित है, फिर अगर कोरोना की गंभीर होती स्थिति के कारण लॉकडाउन लगता है तो व्यापारी बर्बाद हो जाएगा।

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