कात्यायनी मंदिर में अखंड ज्योत प्रज्वलित कर श्रद्धालुओं ने कोरोना की समाप्ति के लिए की प्रार्थना

कात्यायनी मंदिर में अखंड ज्योत प्रज्वलित कर श्रद्धालुओं ने कोरोना की समाप्ति के लिए की प्रार्थना

ऋषिकेश- नवरात्रि उत्सव के छठे दिन जगत जननी के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख सृमद्धि के साथ वैश्विक महामारी कोरोना की समाप्ति के लिए भी मां से प्रार्थना की।


कोरोना की दूसरी लहर और कोरोना कफ्र्यू के बावजूद रविवार को मां वैष्णवी की अटूट आस्था के चलते श्रद्वालु देवी मंदिरों में शीष नवाजने पहुंचे जहां विधिपूर्वक मां की पूजा अर्चना की गई।शीशम झाड़ी स्थित कात्यायनी मंदिर में इस पावन मौके पर क्षेत्र की श्रद्वालु महिलाओं की मोजूदगी में मां की अखंड ज्योत प्रज्जवलित की गई।श्रद्वालुओं ने मय्या के चरणों में हाजरी लगाकर परिवार के सुख सृमद्धि की कामना के साथ देश और दुनिया से वैश्विक महामारी कोरोना के सम्पूर्ण खात्मे की कामना भी की।मंदिर के संस्थापक गुरविंदर सलूजा ने बताया
नवरात्रि के दिन छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। ये दुर्गा मां का छठा अवतार है। शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी, कात्यायन ऋषि की पुत्री थीं। इसी के चलते इनका नाम कात्यायनी पड़ गया। मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी गई हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगर मां कात्यायनी की पूजा की जाए तो विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। वहीं, अगर भक्त मां की सच्चे मन से आराधना करते हैं तो मां की आज्ञा से व्यक्ति को चक्र जाग्रति की सिद्धियां मिल जाती हैं। सिर्फ यही नहीं, व्यक्ति रोग, शोक, संताप और भय से भी मुक्ति पाता है।

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