मां के चतुर्थ स्वरूप देवी कूष्मांडा की विधिपूर्वक हुई पूजा अर्चना

मां के चतुर्थ स्वरूप देवी कूष्मांडा की विधिपूर्वक हुई पूजा अर्चना

ऋषिकेश-ब्रह्म मुहुर्त में ही देवी मंदिरों में दर्शन को श्रद्धालु उमड़े। भक्तों ने माता रानी के दरबार में मत्था टेककर आशीर्वाद मांगा। ब्रह्ममुहुर्त में ही देवी भक्तों का मंदिर पहुंचना शुरू हो गया था और मां भगवती के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना कर रोग और शोक नाश की कामना की गई। मां को धूप, दीप, नैवद्य, पान, सुपारी और चुनरी चढ़ाकर परिवार में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। मैया के जयकारों के बीच मंदिरों में घंटे-घड़ियाल की ध्वनि गूंज उठी। भक्तों ने चौथे दिन भी उपवास रखा और पूरे मनोयोग से माता रानी का ध्यान किया।



शुक्रवार को कात्यायनी मंदिर में मां की प्रतिमा का श्रृंगार किया गया।क्षेत्र की भजन कीर्तन महिला मंडली ने मां के भजनों की प्रस्तुति दी गई ।दिनभर मां के जयकरों से मंदिर गूंज उठा। चौथे नवरात्र पर भक्तों ने मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की । मंदिर में महिलाओं ने मां की आरती कर पूजा अर्चना की। सुबह से ही मंदिर में भक्तों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है।मंदिर के संस्थापक गुरविंदर सलूजा ने बताया कि मां कुष्मांडा देवी के स्वरूप की अराधना व उपासना करने से सिद्धियों की प्राप्ति एवं आयु व यश में वृद्धि होती है। श्रद्धालुओं ने ज्ञान की प्राप्ति, वुद्धि व कौशल के विकास के लिए मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की। इस दौरान भक्तों ने देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी चढ़ाई।

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: