प्यार बांटने और आपसी वैमनस्यता को त्यागने का पर्व है होली-गुरविंदर सलूजा

प्यार बांटने और आपसी वैमनस्यता को त्यागने का पर्व है होली-गुरविंदर सलूजा

ऋषिकेश-गुरुवार की दोपहर शीशम झाड़ी स्थित सिद्वपीठ कात्यायनी मंदिर में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान भजन संध्या के बाद लोगों ने फूलों की होली खेली ।





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कार्यक्रम आयोजक कात्यायनी मंदिर के संस्थापक गुरविंदर सलूजा ने बताया कि होली पर्व भक्ति से जीत का पर्व है। यह दुष्ट सोच की पराजय और सात्विक विचार के विजय का पर्व है। आपसी भाईचारा जाति, पंथ और क्षेत्र के भेद को मिटाकर पूरे भारत में मनाया जाने वाला पर्व हम सभी पूरे उत्साह से मनाते हैं। कहा कि, होली हम सभी को मिलजुलकर रहने की सीख देता है। जिस प्रकार सभी रंग मिलकर रंगोली का निर्माण करते हैं उसी प्रकार हम सभी मिलकर जाति, क्षेत्र के भेद को मिटाकर भारत को रंगोली सा सुंदर बना सकते हैं। समारोह में पुष्प की भी वर्षा की गई और मीठे पकवान परोसे गए। इस अवसर पर समारोह के आयोजक व कात्यायनी मंदिर के संस्थापक गुरविंदर सलूजा ने कहा कि होली सभी रंगों का मिश्रण है। होली एक दूसरे को प्यार बांटने और आपसी वैमनस्यता को त्यागने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा होली ही ऐसा त्योहार है जिसमें दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं। इस दौरान नमिता सलूजा ,ज्योति मसली, महामंडलेश्वर स्वामी परकाशनन्द जी महाराज,नवनीत नागलिया ,हिमांशु एरॉन, अशोक थापा, वेदप्रकाश ढींगरा, सुधीर कालरा ,तृप्ति कालरा, मधु जोशी ,ज्योति शर्मा,विवेक गोस्वामी,चेतन शर्मा,अभिषेक शर्मा ,रवि शास्त्री ,राम चौबे आदि मोजूद रहे।

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