गरीब बच्चों में निःशुल्क शिक्षा की अलख जगा रहे समाजसेवी गुरविंदर सलूजा के प्रयासों से ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल साबित हुआ आदर्श विद्यालय!

गरीब बच्चों में निःशुल्क शिक्षा की अलख जगा रहे समाजसेवी गुरविंदर सलूजा के प्रयासों से ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल साबित हुआ आदर्श विद्यालय!

ऋषिकेश- निशुल्क शिक्षण संस्थान ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल ने आज अपने 2 वर्ष पूर्ण कर लिए। अपनी दूसरी ही वर्षगांठ पर आर्दश विधालय के तौर पर अपनी एक खास पहचान बनाने में यह स्कूल सफल रहा है।शिक्षा के व्यवसायीकरण के दौर में गरीब परिवार के बच्चों को सेवा भाव से शिक्षित बनाने के लिए शीशम झाड़ी स्थित यह स्कूल जहां एक नजीर बनकर उभरा है,वहीं स्कूल के संचालन में संस्थापक विख्यात समाजसेवी गुरविंदर सलूजा का जुनून भी समाज के लिए प्रेरणादायक है।





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जो काम बेसिक शिक्षा विभाग नही कर पाता वह समाजसेवी सलूजा कर रहे हैं। ऐसे बच्चे जिन्होंने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा, परिवार में इतनी क्षमता नहीं कि वो बच्चों को अच्छी तालीम दिला सकें। ऐसे परिवारों को प्रेरित कर बच्चों का स्कूल में दाखिला कराते हैं।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में विभिन्न समाजसेवियों द्वारा सामाजिक गतिविधियों के जरिए गरीब तबके के लोगों की मदद के लिए सहयोग का हाथ आगे बड़ाया जा रहा है। लेकिन इनमें कुछ विरले लोग ऐसे भी हैं जोकि अपना सर्वस्व न्योछावर कर के समाज सेवा में जुटे हुए हैं। गुरविंदर सलूजा का नाम भी उन लोगों में शुमार है जिन्होंने अपना जीवन समाज सेवा के साथ-साथ गरीब बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए सर्मपित किया हुआ है।दो वर्ष पूर्व उन्होंने शीशमझाड़ी क्षेत्र में ज्ञानकरतार पब्लिक स्कूल की स्थापना की थी।39 बच्चों से शुरु हुई स्कूली शिक्षा के इस सफर ने अपने दो वर्ष के संक्षिप्त कार्यकाल में ही स्कूल में 120 बच्चों तक संख्या आ पहुंची है।स्कूल के संस्थापक गुरविंदर सलूजा ने बताया कि दो वर्ष पूर्व गरीबों के बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए एक विजन के साथ स्कूल की स्थापना की गई थी।स्कूल में सभी की शिक्षा निःशुल्क है।बेहतर गुणवत्ता परक शिक्षा के साथ उन्हें मुफ्त पाठ्य सामाग्री भी उपलब्ध कराई जाती है। इसमें ऐसे परिवार के बच्चे शामिल हैं जिनके पास स्कूल भेजने से लेकर घर में जरूरत की सामग्री भी नहीं है। इतना सामर्थ्य ही नहीं कि वो कुछ खरीद सकें। स्कूल के संस्थापक गुरविंदर सलूजा के अनुसार उनका मिशऩ है गरीब से गरीब बच्चों को तालीम दिलाना। उऩ्हें समाज की मुख्य धारा में लाना। इसके लिए वह दिन रात एक किए हुुुए हैं। इन बच्चो को शिक्षित कर उन्हें कुछ काबिल बनाना ही इनके जीवन का लक्ष्य है।

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