गर्मी के मौसम की दस्तक के साथ तैयार हुई झोला छापों डॉक्टरों की फौज

गर्मी के मौसम की दस्तक के साथ तैयार हुई झोला छापों डॉक्टरों की फौज
ऋषिकेश- हर मर्ज की दवा है झोलाछाप चिकित्सकों के पास।लाईलाज बीमारियों का भी इनके द्वारा उपचार किया जा रहा है।वो भी प्रशासन की आखों में खुलेआम धूल झौंककर।जी हां आपको शायद ही यकीन हो पर कड़वी सच्चाई यही है।ऋषिकेश में गर्मी की दस्तक के साथ ही झोलाछापों की फौज तैयार हो गई है।शहरी क्षेत्र के अलावा नगर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में इन्होंने अपनी दुकानें सजा रखी हैं।

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गर्मियों के मौसम में उल्टी ,दस्त, डायरिया, पीलिया, डेंगू मलेरिया, एलर्जी ,त्वचा रोग समेत तमाम संक्रामक बीमारियां पैर पसार लेती हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी से लेकर वार्ड तक फुल हो जाते हैं। यह सीजन झोलाछाप के पनपने का भी है।
सफेद हाथी बन चुके सरकारी अस्पताल में कई बार ढंग का इलाज तक नहीं मिला पाता। गर्मी की आहट होते ही झोलाछापों की दुकानें संजने लगी हैं। आठवीं-दसवीं पास लोग, जो दवा-गोली की थोड़ी-बहुत जानकारी लेकर व गले में आला डालकर बैठे हैं, उन्हें लोग डाक्टर समझकर अपनी नब्ज पकड़वा देते हैं। कई बार मर्ज ठीक होने की बजाय और गंभीर हो जाता है। हेरत की बात यह भी है कि, सरकारी तंत्र के आंख मूंद लेने से झोलाछाप अब क्लीनिक से निकलकर नर्सिंग व हास्पिटल तक पहुंच चुके हैं। इन्हें रोकने या टोकने वाला भी कोई नहीं है।