गंगा की निर्मलता को और अधिक कार्य करने की आवश्यकता- विनोद जुगलान

गंगा की निर्मलता को और अधिक कार्य करने की आवश्यकता- विनोद जुगलान
ऋषिकेश- जिला गंगा सुरक्षा समिति की पाक्षिक बैठक से पूर्व गंगा स्वच्छता से जुड़े कार्यों की समीक्षा को लेकर समिति के नामित सदस्य और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े पर्यावरणविद विनोद जुगलान ने न केवल खदरी खड़क माफ ठाकुर पुर की सीमा पर गंगा की सहायक सौंग नदी क्षेत्र का दौरा किया बल्कि वह मुनि की रेती और स्वर्ग आश्रम स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट देखने भी गए।उन्होंने एसटीपी के शोधित जल की गुणवत्ता के बारे में जानकारी लेते हुए जलशोधन की दिक्कतों की भी जानकारी ली।गंगा तटीय क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि अभी भी कई छोटे छोटे नाले गंगा की निर्मलता को बाधित कर रहे हैं।साथ ही पिछले दस वर्षों में लगातार हुई जनसंख्या बृद्धि को देखते हुए स्वर्गाश्रम ऋषिकेश स्थित 3 एमएलडी क्षमता के एसटीपी की क्षमता को बढ़ाये जाने पर भी जोर दिया।जबकि गंगा की प्रमुख सहायक सौंग नदी में स्वच्छता का कोई कार्य न होने के कारण ठाकुर पुर खदरी के आसपास कूड़ा करकट के नदी में मिलने पर खेद जताया।इसके पश्चात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संम्पन्न हुई बैठक में उन्होंने बैठक की अध्यक्षता कर रहीं मुख्य विकास अधिकारी निकिता खण्डेलवाल को गंगा निर्मलता से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराते हुए समस्याओं के शीघ्र निस्तारण का आग्रह किया।मामले की गम्भीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने जिला विकास अधिकारी देहरादून को गंगा के तटीय गांवों में जनजागरूकता के कार्यक्रम करने के निर्देश दिए।बैठक में जल संस्थान के सहायक अभियंता हरीश बंसल ने बताया कि लक्कड़ घाट स्थित 26 एमएलडी एसटीपी के निकट खाली पड़े ऑक्सीडाईजेसन पोंड्स की भूमि पर साहसिक खेलों सहित पर्यटक केंद्र विकसित करने के लिए रिपोर्ट जिला पर्यटन अधिकारी को प्रेषित कर दी गयी है।
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गौरतलब है कि समिति के नामित सदस्य विनोद जुगलान ने जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर खाली पड़ी 20 एकड़ भूमि पर नौक़ायन,मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्र सहित पर्यटन स्थल की स्थापना का सुझाव दिया था।जिस पर जिलाधिकारी देहरादून डॉ आशीष श्रीवास्तव ने सहमति जताते हुए विभागीय अधिकारियों से निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने ऋषिकेश क्षेत्र में एसटीपी कार्यों की समीक्षा करते हुए कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुये कार्यों को गति प्रदान करने के निर्देश दिए।वर्चुल बैठक में जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, डीएफओ मसूरी,मुख्य नगर आयुक्त ऋषिकेश नरेंद्र सिंह क्वीरियाल,एसडीएम ऋषिकेश वरुण चौधरी,एसडीएम मसूरी,उप प्रभागीय वनाधिकारी बीबी मर्तोलिया,सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल,पेयजल संस्थान के अधिकारी एसएस गंगारी सहित रिस्पना पुनर्जीवन से जुड़े अधिकारियों ने भी वर्चुअल रूप से भाग लिया।