धड़कन बंद, फिर भी हिमालयन हॉस्पिटल ने बचा ली जान

धड़कन बंद, फिर भी हिमालयन हॉस्पिटल ने बचा ली जान
हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट के ह्रदय रोग विभाग विभाग की बड़ी सफलता
एजिंयोप्लास्टी के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौटा
ऋषिकेश- आम-आदमी के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं। डोईवाला के स्थानीय निवासी मनोज सिंह (बदला हुआ नाम) को हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट के हृदय रोग विभाग ने नया जीवन दिया। दरअसल, मनोज को हृदय घात (कार्डियक अरेस्ट) होने से धड़कन पूरी तरह रुक गई थी। हृदय रोग विभाग के चिकित्सकों ने एंजियोप्लास्टी कर मनोज की जान बचा ली।
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डोईवाला निवासी 40 वर्षीय मनोज सिंह का हार्ट अटैक पड़ने की वजह से हृदय गति पूर्ण रुप से रुक गई थी। इस अवस्था में उनके परिजन उन्हें हिमालयन अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक में लाए। मरीज की हालत देखते हुए कॉर्डियोलॉजी में रैफर किया गया। ईसीजी में की ह्दय गति पूर्ण रुप से रुक गई थी। कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन यानी सीपीआर देते हुए मरीज को वैंटिलेटर पर लाया गया। मरीज का बीपी काफी गिर गया था जिसको बढ़ाने कि लिए दवाईयां दी गई। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.चंद्र मोहन बेलवाल ने इमरजेंसी एंजियोग्राफी की जिसमें पता लगा कि मरीज की मुख्य रक्त वाहिका पूर्ण से ब्लॉक थी। जरूरी स्वास्थ्य जांचों के बाद डॉ.चंद्र मोहन बेलवाल ने एंजियोप्लास्टी का फैसला लिया। रोगी के परिजनों की सहमति एनिस्थिसिया विभाग के सहयोग से हाई रिस्क एंजियोप्लास्टी की गई। विभागाध्यक्ष डॉ.अनुराग रावत के नेतृत्व में डॉ.कुनाल गुरुरानी व डॉ.चंद्र मोहन बेलवाल सहित कार्डियो टीम की मेहनत रंग लाई और मरीज की जान बच गई। करीब छह दिन सीसीयू में रखने के बाद मरीज की तबियत में काफी सुधार हुआ। अब उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसएल जेठानी ने हृदय रोग विभाग की इस कामयाबी के लिए बधाई दी और रोगी के स्वस्थ्य जीवन की कामना की।
क्रिटिकल केयर से डॉ.सुशांत, डॉ.इमलीवती सहित सीसीयू में नर्सिंग से मनीष, अर्जुन, पूजा व कैथ लैब से देव सिंह, विरेंद्र आदि ने सहयोग दिया।