हमारी बोली भाषाएंं संस्कृति की संवाहक -विनोद जुगलान

हमारी बोली भाषाएंं संस्कृति की संवाहक -विनोद जुगलान

ऋषिकेश-श्यामपुर खदरी स्थित नालन्दा शिक्षण संस्थान में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं उत्तराखंड भाषा मंच के संयुक्त तत्वाधान में मातृ भाषा दिवस सप्ताह अंतर्गत आयोजित लोक गीत,व्यक्तित्व विकास एवं बौद्धिक संचेतना कार्यक्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के पूर्णकालिक प्रसारक एवं कार्यक्रम के विशेष अतिथि समीर कौशिक ने विद्यार्थियों एवं उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी मातृ भाषा हमारी संचेतना को संचारक हैं।उन्होंने कहा कि हम भौतिकतावाद के इस युग मे कितने भी पाश्चात्य होते जाएं लेकिन हमें स्वप्न अपनी ही मातृ भाषा में ही आते हैं।हमें क्षेत्रीय भाषाओ बोलियों के संवर्धन के प्रयास करने होंगे।इसके लिए हम शुरुआत स्वयं से करें इसके लिए हम अपना हस्ताक्षर अपनी भाषा में करने की पहल करें।न्यास के





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उत्तराखण्ड प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरणविद विनोद जुगलान ने कहा कि हमारी बोली भाषाएँ संस्कृति की संवाहक हैं लेकिन देश में बोली जाने वाली दस हजार भाषाओं में से लगभग दो सौ भाषाएँ विलुप्त हो चुकी हैं जबकि लगभग दो सौ भाषाएँ विलुप्ति की ओर हैं।कार्यक्रम में उपस्थित लोक कवि नरेंद्र रयाल ने अपनी लोक भाषा की रचना” जै जै गढ़ कुमाऊँ अगली जन्म भी यखी होंउ “गाकर देवभूमि में जन्म लेने की इच्छा व्यक्त की।जबकि भाषा मंच के प्रसारक भुवन चन्द्र फुलारा ने गोपाल बाबू गोस्वामी की प्रसिद्ध गीत कन बजी मुरुली हो बैअणा ऊँची नीची डॉण्डियों मा सुनाकर मन्त्र मुग्ध किया।नमामि गंगे के संयोजक कपिल गुप्ता ने बेड़ू पाको बारा मासा सुनाया साथ ही गढ़वाली सीखने और बोलने का संकल्प लिया।मैत्री संस्था की प्रमुख कुसुम जोशी ने मांगल गीतों के प्रसार पर जोर दिया।नगर निगम के पार्षद वीरेंद्र रमोला ने गढ़वाली भाषा दिशा सूचक पट लगाने की बात कही।शरद सेमवाल ने कहा कि हम शादी व्याह के निमंत्रण पर अपनी अपनी क्षेत्रीय बोलियों में भी छपवाने का कार्य करें।इस अवसर पर नालन्दा शिक्षण संस्थान प्रमुख महावीर उपाध्याय ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए लोक भाषा के प्रसार के लिए दैनिक प्रार्थना लोक भाषा में कराने की पहल की।मौके पर भाषा मंच की टिहरी जिला संयोजिका पुष्पा ध्यानी एवं शीलू पन्त ने गढ़वाली बोली में ही अपने विचार रखते हुए गढ़वाली गीतों की प्रस्तुति दी।इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुनीता उपाध्याय,राम प्यारी कलूड़ा, रेखा रावत,भाषा मंच के जिला संयोजक रमेश रावत,टेक सिंह राणा,वीरेंद्र रयाल,विक्रम नेगी,रजत रैसवाल, अरविंद बडोनी,देवानंद थपलियाल,राजेश पयाल,प्रवेश सकलानी,श्रुति भट्ट, दिव्यांसी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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