लोकभाषा के सम्मान से नवाजे गये डॉ राजे सिंह नेगी

लोकभाषा के सम्मान से नवाजे गये डॉ राजे सिंह नेगी

ऋषिकेश- अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा के अध्यक्ष, नगर के प्रमुख समाज सेवी एवं उड़ान शिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड की लोक भाषा और लोकसाहित्य लोक जीवन क दर्पण है। लोकसाहित्य में अमूमन काल क्रम नहीं होता। उत्तराखंड का लोकसाहित्य बहुत समृद्ध रहा है। गढवाली कुमाऊनी अत्यंत प्राचीन और समृद्ध भाषा है। इस भाषा का सामाजिक प्रभाव रहा है। उत्तराखंड की लोकभाषा में दो सौ साल पहले भी चिमनी जलाकर या चांदनी के प्रकाश में लोकनाटक खेले जाते रहे हैं। साहित्य की हर विधा से लोकभाषा संपन्न रही है।





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उक्त विचार डा नेगी ने सोमवार की दोपहर रोटी बैंक की ओर से अपने सम्मान कार्यक्रम में व्यक्त किए।अपना रोटी बैंक देहरादून की कॉर्डिनेटर प्रियंका बाल्मीकि द्वारा मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में नगर के समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी को लोकभाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।अपना रोटी बैंक की कॉर्डिनेटर प्रियंका ने बताया कि उनकी संस्था पिछले एक वर्ष से लगातार गरीब एवं निर्धन परिवारों के बच्चो की स्कूल फीस देने के साथ ही अनेकों गरीब कन्यायों की शादियां करवा चुकी है। संस्था की ओर से सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं समाज सेवा के लिए अपना जीवन सर्मपित करने वाले लोगों को भी चयनित कर सम्मानित किया जाता है। इसी कड़ी में ऋषिकेश के हरिपुर कला निवासी डॉ राजे सिंह नेगी को आज उनके प्रतिष्ठान पर सम्मानित किया गया।इस मौके पर रुपाली घावरी, मोनिका पंवार,लक्ष्मण सिंह,मनोज नेगी उपस्थित थे।

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