तीर्थ नगरी के युवा कारोबारियों की बजट पर लगी हैं निगाहें!

तीर्थ नगरी के युवा कारोबारियों की बजट पर लगी हैं निगाहें!
ऋषिकेश-कोरोना काल के छह-सात महीनों में सभी तरह के कारोबार काफी प्रभावित रहे। कारोबारियों को घाटा उठाना पड़ा और वे आर्थिक तंगी का शिकार हो गए। बाद में त्योहारी सीजन आने पर कारोबार को कुछ गति मिली लेकिन इस दौरान तेजी से बढ़ी महंगाई की वजह से फिर कारोबार में मुश्किलें आने लगीं। कारोबारियों का कहना है कि पहले नोटबंदी फिर जीएसटी के कारण परेशानी आई। रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी। अब कोरोना से कुछ राहत है लेकिन इस दौरान डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। डीजल पर महंगाई का असर सभी तरह के कारोबार पर पड़ता है। चीजें महंगी होते जाने से बिक्री प्रभावित है। नगर में रेडीमेड गारमेंट की दुकान चलाने वाले हर्षित गुप्ता का कहना है कि कोरोना काल के बाद से व्यापार की स्थिति को सही तरह से ऑक्सीजन नहीं मिल पाई है। ऐसे में वित्त मंत्री को आम बजट के माध्यम से कारोबारियों को टैक्स में राहत देनी चाहिए। साथ ही बढ़ती महंगाई की रोकथाम के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए, जिससे कारोबार को गति मिल सके।
banner for public:Mayor
स्वर्ण आभूषण कारोबार से जुड़े सावन वर्मा की मानें तो पहले नोटबंदी फिर जीएसटी से कारोबार काफी प्रभावित रहा। बाद में रही सही कसर कोरोना संक्रमण ने पूरी कर दी।कोरोना की वजह से हर तरह के व्यवसाय प्रभावित रहे हैं। केंद्र सरकार भी यह समझ रही है। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि वित्त मंत्री बजट में मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करेंगी। जो डीजीपी कोरोना के कारण डाउन हुई, उसे ऊपर उठाने के प्रयास किए जाएंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि व्यापार के लिहाज से बजट बहुत अच्छा आना चाहिए।रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े निशांत मलिक का कहना है कि कोरोनाकाल में लॉकडाउन से छायी मंदी के बाद रियल एस्टेट कारोबार एक बार फिर से उठने की तैयारी में है।बजट से राहत मिली तो कारोबार बूम जरूर करेगा।उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान हर घर परिवार की जरूरत से जुड़ा है। बाजार का पहिया घूमने के लिए बेताब है। ऐसे में रियल एस्टेट कारोबार को भी बजट से काफी उम्मीद है।
युवा व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष प्रतीक कालिया ने बताया कि कोरोना के कारण लंबे समय से मार्केट डाउन है। व्यापारी वर्ग परेशान है लेकिन उसकी दिक्कतों का समाधान नहीं हो पा रहा है। महंगाई चरम की ओर बढ़ रही है। कारोबार में लागत बढ़ती जा रही लेकिन बिक्री में कमी आने से मुनाफा कम होता जा रहा है। ऐसे में वित्त मंत्री को बजट में ऐसे प्रावधान करना चाहिए, जिससे कारोबारियों के साथ ही आम लोगों को भी राहत मिल सके।उन्होंने कहा मेरी वित्त मंत्री जी से यही अपेक्षा है कि जीएसटी की जटिलता को खत्म कराएं। पूरे दिन व्यापारी अगर जीएसटी के हिसाब किताब में उलझा रहेगा तो फिर कारोबार किस समय कर पाएगा। वित्त मंत्री को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।