कोरोनाकाल में लोगों का आत्मबल बड़ाने में साहित्यकारों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका!

कोरोनाकाल में लोगों का आत्मबल बड़ाने में साहित्यकारों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका!

ऋषिकेश-साहित्य संगम संस्थान उत्तराखंड इकाई के उद्घाटन समारोह का आयोजन ऑनलाइन के माध्यम से किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में डॉ कविता भट्ट शैलपुत्री साहित्यकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्य जीवन में दर्पण की तरह काम करता है। जिस प्रकार से व्यक्ति अपने जीवन में दर्पण का अपनी सुंदरता को देखने के लिए उपयोग करता है ठीक उसी तरह साहित्यकार समाज में बेहतरीन कार्यों के लिए समाज के बीच साहित्य का सृजन करता है । कोराना संकट में साहित्यकारो ने जहां घरों में बैठे लोगों का मनोरंजन किया वहीं इस परिस्थिति में आत्मबल बढ़ाने का कार्य भी साहित्य के द्वारा हुआ है ।





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इस अवसर पर विशेष अतिथि के रुप में डॉ सुनील दत्त थपलियाल ने कहा कि साहित्य जीवन का सबसे बड़ा मित्र है जो विषम से विषम परिस्थितियों में कभी भी साथ नहीं छोड़ता है जब जब भी जीवन कठिन संघर्ष के मेघों से घिरते हैं तो साहित्य हमेशा आलंबन बनकर सहयोग करता है, साहित्य संगम संस्थान के समस्त लोगों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए डॉक्टर सुनील दत्त थपलियाल ने कहा कि साहित्य संगम मील के पत्थर के रूप में उत्तराखंड देवभूमि में साबित होगा यह हम सबकी मंगलकामनाएं
इस अवसर पर शिक्षा साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान हेतु विद्यावाचस्पति सम्मान द्वारा नीलू सिंह को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर
कार्यक्रम अध्यक्ष शशि देवली साहित्य संगम संस्थान उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष भगत सिंह राणा उपाध्यक्ष राजेश ,जोशी सचिव मधुर वादिनी तिवारी, सलाहकार कुसुम लता, अलंकरण प्रभारी दीप्ति प्रिया, कार्यक्रम संयोजक सुनीता ख्याति ,कार्यक्रम अधीक्षक नरेश उनियाल, केंद्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष राजवीर ,उपाध्यक्ष कुमार रोहित रोज, महासचिव तरुण सक्षम, मीडिया प्रभारी मिथिलेश सिंह आदि उपस्थित थे।

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