मकर सक्रांति के साथ आस्था के महाकुंभ का हुआ श्री गणेश!

मकर सक्रांति के साथ आस्था के महाकुंभ का हुआ श्री गणेश!

ऋषिकेश-मकर संक्रांति पर्व पर ऋषिकेश के विभिन्न गंगा घाटों पर एक लाख से ज्यादा श्रद्वालुओं ने गुरुवार को आस्था की डुबकी लगाई।इसके साथ ही आज आस्था के महाकुम्भ का आगाज हो गया।





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कुम्भ क्षेत्र ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट सहित रामझूला एवं लक्ष्मण झूला क्षेत्र के तमाम घाटों पर सुबह से ही गंगा में आस्‍था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्वालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। इस दौरान तमाम महत्वपूर्ण घाटों पर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी नजर आई।
महाकुंभ 2021 का श्रीगणेश आज मकर सक्रांति के साथ हो गया। कोरोना संक्रमण और ठंड व कोहरे पर आस्था आज भरी पड़ी। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर देवभूमि ऋषिकेश के सभी घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के स्नान का क्रम शुरू हो गया। श्रद्धालु सुबह से ही गंगा स्नान के लिए स्नान घाटों पर पहुंचने लगे और हर हर गंगे जय मां गंगे के जय घोष के साथ मकर संक्रांति पर्व का पुण्य प्राप्त करने को गंगा में डुबकी लगाई। उन्होंने इसके साथ गंगा पूजन और दान पुण्य का लाभ भी अर्जित किया। इस दौरान त्रिवेणी घाट सहित अन्य घाटों पर स्नान के मद्देनजर कोविड-19 को लेकर जारी आदेश का पालन होता नजर नहीं आया। कुछेक जागरूक श्रद्धालुओं को छोड़कर आमतौर पर शारीरिक दूरी और मास्क की गाइडलाइन का भी पालन भी नहीं दिखा। हालांकि, सभी जगहों पर प्रशासनिक कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती नजर आई।

क्या है मकर संक्रांति

मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे राशि में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को ही संक्रांति कहा जाता है। ज्योतिषगणना के अनुसार मकर संक्रांति से ही सूर्य उत्तरायण होंगे। पौराणिक कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुई सागर में जा मिली थी। इसीलिए मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है।

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