जीवन के अनमोल सूत्रों को आत्मसात कर हर पल मनाए उत्सव-स्वामी चिदानंद

जीवन के अनमोल सूत्रों को आत्मसात कर हर पल मनाए उत्सव-स्वामी चिदानंद
ऋषिकेश-जनवरी का पहला सप्ताह ’जीवन के जश्न‘ और ‘आहार संकल्प सप्ताह’ के रूप में मनाया जाता है। वास्तव में नये वर्ष की शुरूआत आनन्द, उत्साह और अनेक नये संकल्पों के रूप में होती है। नये वर्ष की शुरूआत में अगर जीवन में श्रेष्ठ संकल्पों को जोड़ा जाये तो जीवन वास्तव में जश्न बन जाता है।
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परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि जीवन का जश्न मनाने के लिये स्वस्थ रहना नितांत आवश्यक है और स्वस्थ रहने के लिये सात्विक व शुद्ध आहार का महत्वपूर्ण योगदान होता है। हमें स्वस्थ जीवन शैली की राह पर आगे बढ़ना है तो अपने आहार और विहार को संतुलित करना होगा तथा अपनी जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव करने होंगे। स्वस्थ शरीर के लिये शाकाहार के साथ अपने भोजन की आदतों को भी बदलना होगा। ’नये साल का गोल – नहीं रहेगे गोलमटोल’ और इसके लिये समय से सोना, प्रातःकाल जल्दी उठना, लो-कार्ब वाला आहार और योग नितांत आवश्यक है। कहा कि ,जीवन का वास्तविक आनन्द लेने के लिये तीन चीजों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है, टाइम मैनेजमेंट, थाॅट् मैनेजमेंट और टंग मैनेजमेंट (समय प्रबंधन, विचार प्रबंधन और भाषा प्रबंधन) यह सोचने का समय है कि हम अपने जीवन के अनमोल समय को सोशल मीडिया, सर्च इंजन और गाॅसिप में कितना व्यर्थ गवां देते हैं? दूसरा विचार; हमारी सोच कैसी है? हजारों विचार हमारे दिमाग में एक साथ चलते रहते हैं और इससे हर समय हमारे दिमाग का ट्रैफ़िक जाम रहता है। कभी शांत बैठकर सोचें कि जितने विचार मेरे दिमाग में हर समय चल रहे हैं उनमें से कितने सकारात्मक हैं और कितने नकारात्मक है। सबसे महत्वपूर्ण है जीभ, यह अति आवश्यक है कि क्या बोलें, कब बोलें और कैसा बोलें। क्योंकि वाणी औषधि का काम करती है और घाव भी दे सकती है। जीवन के इन अनमोल सूत्रों को याद रख कर और प्रभु का धन्यवाद देते हुये हर पल जीवन को उत्सव के रूप में मनाया जा सकता है।