नूतन वर्ष पर गिफ्ट के बजाय सरकार ने मरीजों एवं उनके तीमारदारों को दिया झटका -डॉ राजे सिंह नेगी

नूतन वर्ष पर गिफ्ट के बजाय सरकार ने मरीजों एवं उनके तीमारदारों को दिया झटका -डॉ राजे सिंह नेगी
ऋषिकेश- प्रदेश में मरीजों को नूतन वर्ष पर जोर का झटका धीरे से लगा है। विडंबना देखिए झटका किसी और ने नहीं बल्कि प्रदेश सरकार ने दिया है।इलाज और दवाएं दोनों ही नए साल में महंगे हो गए हैं। सरकारी अस्पतालों में पर्चे और जांच की दरों में 10 फीसदी तक इजाफा हुआ है, तो दवाओं में दो से आठ फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनमें अधिकांश बीपी, शुगर, बुखार और दर्द निवारक के अलावा सभी प्रमुख एंटीबायोटिक्स दवाएं हैं। कोरोना काल के बीच सरकार द्वारा उपचार एवं दवाओं में की गई अप्रत्याशित वृद्धि का आम आदमी पार्टी ने पुरजोर विरोध किया है।
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आप के नेता डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा की स्वास्थ्य के मुद्दे पर प्रदेश सरकार लगातार राज्य की जनता के साथ छलावा कर रही है ।वैश्विक महामारी कोराना काल के प्रराम्भ होने के बाद से जहां एक और लोगों के रोजगार छिन रहे हैं ।काम धंधे ठप्प पढ़े है ।महंगाई के चलते आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भारी हो रखा है, ऐसे में सरकार द्वारा प्रदेश की आवाम को राहत पहुंचाने के बजाय उपचार एवं दवाएं दोनों महंगी कर दी गई है। इससे विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे मरीजों एवं उनके तीमारदारों की कमर टूटनी तय है।
उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में नए साल से इलाज महंगा हो गया है। रजिस्ट्रेशन से लेकर भर्ती शुल्क और तमाम जांच के लिए मरीज को दस फीसदी अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं। सरकारी अस्पताल में ओपीडी पर्चा पहले 25 रुपये में बनता था। जिसके लिए अब मरीज को 28 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। अल्ट्रासाउंड का शुल्क 518 से बढ़कर 570 रुपये हो गया है। इसी तरह एक्सरे में भी करीब 18 रुपये की वृद्धि हुई है। नए साल से एक्सरे 182 के बजाए 200 रुपये में किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य सभी जांच, आइपीडी शुल्क आदि भी बढा हैं। उन्होंने सरकार से जनभावनाओं के अनुरूप उपचार के पर्चे एवं अन्य जांच की दरों को वापस लिए जाने की मांग की है।