विभागीय भ्रष्टाचार पर नकेल कसे मुख्यमंत्री -वाई एस भंडारी

विभागीय भ्रष्टाचार पर नकेल कसे मुख्यमंत्री -वाई एस भंडारी

ऋषिकेश- उत्तराखंड के सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार का बोलबाला लगातार बना हुआ है ।मुख्यमंत्री के जीरो टालरेंस के वायदे सिर्फ कागजों तक ही सीमित ही रह गए हैं। रजिस्टार ऑफिस की बात करें तो इस विभाग ने भ्रष्टाचार के मामले में आरटीओ को भी पीछे छोड़ दिया है। विभाग में रजिस्ट्री के कराते वक्त स्टांप शुल्क के अलावा विभागीय अधिकारियों की जेबें गर्म किए बगैर फाइलें आगे नहीं सरक रही है। उक्त आरोप लगाते हुए अन्ना आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ नागरिक यशवंत सिंह भंडारी ने बताया कि रजिस्टार ऑफिस में सरकारी रजिस्ट्री के अलावा खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही है।





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इस बाबत उनके द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के शिकायती पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। लेकिन करीब 20 दिन गुजर जाने के बावजूद अभी तक इस ओर कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।भंडारी ने बताया कि सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में भ्रष्टाचार जगजाहिर है ।इसके साथ राजस्व विभाग भी सलिंप्त है ।जिसको देखते हुए रजिस्ट्री की व्यवस्था को ऑनलाइन किया जाना बेहद आवश्यक है ।साथ ही दाखिल खारिज भी आटो आनलाईन होने चाहिए। मुख्यमंत्री को प्रेषित शिकायती की पत्र में वरिष्ठ नागरिक वाई एस भंडारी द्वारा एमडीडीए ,लोनिवि एवं जल निगम में भी व्यापत भष्टाचार का उल्लेख करते हुए विभागीय भ्रष्टाचार पर सख्ती के साथ नकेल कसने की मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।

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