तीर्थ नगरी के लोगों में बड़ा” बागवानी “का शौक

तीर्थ नगरी के लोगों में बड़ा” बागवानी “का शौक
ऋषिकेश-कोरोना काल में लोगों में बागवानी का शौक बढ़ा। किसी ने रूफ टाप गार्डन बनाया तो किसी ने गमलों में पौधे लगाए। लोगों के इस शौक ने तीर्थ नगरी में उपजाऊ मिट्टी का कारोबार बढ़ा दिया है। लोगों को पौधे लगाने के लिए घर के आसपास अच्छी मिट्टी नहीं मिल रही है। ऐसे में लोग नर्सरी से मिट्टी ले रहे हैं। नर्सरी संचालकों ने भी मिट्टी और खाद मिली मिट्टी के अलग-अलग दाम रखें हैं। लोग गमला, पौधे के साथ उपजाऊ मिट्टी भी खरीद रहे हैं।
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लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसका नतीजा ही है कि घरों में पौधरोपण के प्रति लोगों की रुचि भी बढ़ी है। इसके कारण शहर में मिट्टी की कमी ने लोगों के सामने कमाई का यह नया रास्ता भी खोल दिया गया है। कई नर्सरियों में पौधे खरीदने वालों को नर्सरी संचालक पौधे, गमला और उपजाऊ मिट्टी का काम्बो पैक दे रहे हैं।पुराने बद्रीनाथ मार्ग स्थित नर्सरी संचालक प्रेम सिंह ने बताया कि कई ग्राहक पौधे के साथ मिट्टी भी मंगाते हैं। ऐसे लोगों की सुविधा के लिए उन्होंने मिट्टी मंगा कर रख ली है। मिट्टी में से कंकड़ पत्थर साफ कर रख लेते हैं। उन्होंने बताया कि 10 किलो मिट्टी का बोरा 150 रुपये का है। उन्हाेंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में पौधे, गमले के साथ मिट्टी की खूब मांग रही। एक दिन में पांच से आठ बोरे की बिक्री हुई।
पौधे लगाने का काम करने वाले नरेश ने बताया कि जब वो पौधे बेचने जाते हैं तो अपार्टमेंट, गेट बंद कालोनी सहित कई जगह पर पौधे लगाने के लिए मिट्टी नहीं मिलती है। ऐसे में लोग मिट्टी लाकर पौधे लगाने की बात कहते हैं। इसको देखते हुए अब वो अपने साथ एक बोरे में साफ व उपजाऊ मिट्टी लेकर चलते हैं। एक गमले में मिट्टी के वो 10 रुपये लेते हैं। अगर, कोई खाद वाली मिट्टी लेता है तो उससे 20 रुपये लेते हैं।